–कोडरमा के पर्यटन स्थल लोगों की भीड़ से दिख रहे हैं गुलजार
–तिलैया डैम प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम नमूना, डबल डेकर बोट आकर्षण
–वृंदाहा वाटर फॉल रोमांचक रास्ते का सफर तय कर लें मनोरम दृश्य का मजा
–पेट्रो जल प्रपात सबसे ऊंची महावत पहाड़ के शिखर से गिरती है पावन सलीला
–पंचखेरो जलाशय प्राकृतिक सुंदरता के बीच लें मोटर बोट का आनंद
कोडरमा। नव वर्ष 2025 का स्वागत व पुराने वर्ष 2024 की विदाई देने को लेकर लोग उत्साहित हैं। इस बीच कई दिन पूर्व से कोडरमा के पर्यटन स्थल लोगों की भीड़ से गुलजार दिख रहे हैं। इन जगहों पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं। नव वर्ष के स्वागत को लेकर पहली जनवरी को चुनिंदा पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है़, ऐसे में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की है़।
लोगों के आकर्षण का केंद्र तिलैया डैम व जवाहर घाट का किनारा है़। नव वर्ष के आगमन से करीब दस दिन पूर्व से यहां बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा झुमरीतिलैया से कुछ किलोमीटर दूर स्थित व़ंदाहा वाटर फॉल, सतगावां का पेट्रो जल प्रपात, मरकच्चो का पंचखेरो डैम आदि जगहों पर लोग पहुंच रहे हैं। जिले के कुछ अन्य जगहों कोडरमा के डंगरा पहाड़, फुलवरिया जंगल, डोमचांच के मारामाको पहाड़, तिलैया के झरनाकुंड सहित अन्य जगहों पर भी नव वर्ष के पहले दिन लोग पिकनिक मनाते हैं. लोगों ने नव वर्ष का स्वागत करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
तिलैया डैम प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम नमूना, डबल डेकर बोट आकर्षण
बेमिसाल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम नमूना तिलैया डैम है। कोडरमा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व एवं दामोदर नदी के उत्तरी छोर पर तिलैया डैम स्थित है। अविभाजित बिहार व बंगाल सरकार के संयुक्त प्रयास से वर्ष 1948 में इसका निर्माण किया गया था। इसके पीछे बंगाल को बाढ़ की भयंकर त्रासदी से बचाने, बिजली उत्पादन केंद्र खोलने व सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का उद्देश्य था।
डैम के बीच एक पिकनिक स्पॉट चेचरो पार्क स्थित है। एक समय था जब टापू नुमा चेचरो पार्क की सुंदरता पर्यटकों को अनायस आकर्षित करती थी, लेकिन हाल के वर्षों में यहां की तस्वीर बदरंग हो गयी है़ दूसरी ओर तिलैया डैम के पास सुविधाओं में जरूर इजाफा हुआ है़। पर्यटक यहां डबल डेकर बोट सहित मोटर बोट व अन्य चीजों का आनंद उठा रहे हैं। डैम के किनारे जवाहर घाट, झील रेस्टोरेंट भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है़। झील रेस्टोरेंट के पास एडवेंचर स्पोट्र्स की शुरुआत भी की गयी है़। सुरक्षा के लिहाज से यहां डैम ओपी भी संचालित है़। नव वर्ष के पहले दिन यहां महिला पुलिस बल व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति रहेगी़। तिलैया डैम के ऊपरी क्षेत्र में जाम न लगे, इसके लिए नीचे में ही पार्किंग की व्यवस्था की गयी है।
वृंदाहा वाटर फॉल रोमांचक रास्ते का सफर तय कर लें मनोरम दृश्य का मजा
झुमरीतिलैया शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर सुदूर जंगली क्षेत्र स्थित जरगा पंचायत में वृंदाहा वाटर फॉल है। यह प्राकृतिक स्वच्छ पानी की जल धारा पहाड़ व झाड़ियों का विहंगम दृश्य के साथ किसी को भी सहज ढंग से आकर्षित करता है। यहां तक पहुंचने के लिए अपने निजी वाहन का ही सहारा लेना पड़ता है़। इसके बाद भी इस जगह पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने व प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं। यहां पहाड़ों व जंगलों के बीच से निकलते हुए चट्टान से टकरा कर कई फीट नीचे गिरने वाला पानी लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना रहता है। लोग झरने से गिरने वाले पानी के मनोरम दृश्य का आनंद उठाना नहीं भूलते हैं।
लोग बताते हैं कि यह झरना बहुत पुराना है. पहले यहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था, लेकिन अब इस इलाके में सड़क बन जाने से यहां पहुंचना संभव हो पाया है। पहाड़ों के बीच से होते हुए रोमांचक रास्ते से आकर इस मनोरम दृश्य का आनंद उठाने के बाद सभी को खुशी महसूस होती है।
पेट्रो जल प्रपात सबसे ऊंची महावत पहाड़ के शिखर से गिरती है पावन सलीला
जिले के सुदूरवर्ती सतगावां प्रखंड मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर घनघोर जंगल में पेट्रो जलप्रपात स्थित है। जिले के सबसे ऊंची महावत पहाड़ के शिखर से अनोखी शैल शृंखलाओं के बीच से पावन सलीला गिरती है, जो तकरीबन 500 फीट ऊंची है। पहाड़ की चोटी से तलहटी तक निर्मित कई कुंड है। इनमें से छह कुंड काफी बड़े हैं। जिसमें अथाह निर्मल मीठा जल संग्रहित है। यहां प्रतिवर्ष लोग पिकनिक मनाने दूर-दराज क्षेत्रों से आते हैं और प्रकृति के अनूठे रूप का आनंद लेते हैं। यहां विंध्यवासिनी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दर्शनीय स्थल में जंगली जानवर भी देखे जा सकते हैं। इन दिनों यहां बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं, हालांकि, जगह सुदूरवर्ती होने की वजह से शाम होने से पहले ही यहां से लौटना सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहतर है।
पंचखेरो जलाशय प्राकृतिक सुंदरता के बीच लें मोटर बोट का आनंद
मरकच्चो प्रखंड का पंचखेरो जलाशय सबसे बड़ा और मशहूर जलाशय में शुमार हो चुका है़। मरकच्चो प्रखंड मुख्यालय से महज एक किमी दूरी पर यह स्थित है़। चारों तरफ जंगल और पठारों से घिरे रहने के कारण इसकी प्राकृतिक सुंदरता और निखरती है़। इन दिनों जलाशय में विदेशी पक्षियों का आना भी शुरू हो गया है, जो जलाशय की खूबसूरती को और चार चांद लगा रहे है़ं। वर्तमान में जलाशय में मत्स्य विभाग द्वारा विस्थापित परिवारों के लिए मत्सय पालन की व्यवस्था की गयी है़। वहीं मत्स्य विभाग द्वारा ही समितियों को तीन मोटर बोट भी उपलब्ध कराये गये हैं। यहां घूमने आने वाले लोग उक्त मोटर बोट से डैम का भ्रमण करते हैं। नव वर्ष पर यहां भी भारी भीड़ जुटेगी़।