नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के सहयोग से क्वांटम प्रौद्योगिकियों में स्नातक (यूजी) माइनर कार्यक्रम लांच किया। इस पहल का उद्देश्य क्वांटम क्रांति के लिए भारत के कार्यबल को तैयार करना है, जिससे देश को अत्याधुनिक क्वांटम नवाचार में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया जा सके।
कार्यक्रम में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, भारत सरकार के डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के प्रो. ए.के. सूद और करिकुलम ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष प्रो. अरिंदम घोष मौजूद रहे।
क्वांटम टेक्नोलॉजीज में यूजी माइनर प्रोग्राम क्वांटम ईकोसिस्टम की रणनीतिक और मल्टीडिसिप्लिनरी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा और उद्योग जगत के बीच के अंतर को पाटने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके चार वर्टिकल, क्वांटम कम्प्यूटेशन एंड सिमुलेशन, क्वांटम कम्युनिकेशन एंड क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम सेंसिंग एंड क्वांटम मैटिरियल्स और डिवाइसेज हैं।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
छात्र 30 से अधिक क्रेडिट के पूल से 18 क्रेडिट का चयन कर सकते हैं, जिससे संस्थानों को अपने संसाधनों के अनुसार कार्यक्रम को अनुकूलित करने की सुविधा है। सभी इंजीनियरिंग विषयों के छात्र यह कार्यक्रम तीसरे या चौथे सेमेस्टर से शुरू कर सकते हैं। परियोजना आधारित शिक्षा होने के कारण छात्र व्यावहारिक अनुप्रयोग और हैंड्स ऑन अनुभव ले सकते हैं। एआईसीटीई और आईआईटी जैसे संस्थानों द्वारा समर्पित फैकल्टी विकास कार्यक्रम उच्च गुणवत्ता वाली क्वांटम शिक्षा प्रदान करने में शिक्षकों का समर्थन करेंगे। कार्यक्रम की सफलता के लिए एआईसीटीई और डीएसटी क्वांटम प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाएँ स्थापित करने में संस्थानों की सहायता करेंगे। विशेषज्ञ के नेतृत्व वाली एफडीपी और यूजी स्तर की क्वांटम शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकों का विकास स्थिरता सुनिश्चित करेगा।
इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकी कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन और सेंसिंग को पुनः परिभाषित करेगी। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य एक कुशल कार्यबल का पोषण करना है, जो नवाचार को बढ़ावा दे सके और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के लक्ष्यों को पूरा कर सके। एआईसीटीई की पहल, जिसमें अनिवार्य इंटर्नशिप और आईडिया लैब शामिल हैं, एक मजबूत, क्वांटम रेडी टैलेंट पूल तैयार करेगी।
करिकुलम ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष प्रो. अरिंदम घोष ने कहा कि क्वांटम स्नातकों में भारत विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। सभी क्वांटम वर्टिकल को समाहित करने वाला यह पाठ्यक्रम क्वांटम प्रौद्योगिकी को स्नातक छात्रों के लिए एक व्यवहार्य करियर पथ बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने मॉड्यूलर और अनुकूलनीय डिजाइन के साथ, कार्यक्रम विविध संस्थानों में समावेशिता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करता है।
डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षक प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे जैसी चुनौतियों का समाधान करते हुए उन्नत क्वांटम प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। डीएसटी सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षण प्रयोगशालाओं और एफडीपी के साथ संस्थानों का समर्थन करेगा। हमारा लक्ष्य अगले शैक्षणिक सत्र में एआईसीटीई के साथ मिलकर कार्यक्रम शुरू करना है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकी में यह भारत का पहला यूजी कार्यक्रम है। यह पहल कुशल प्रतिभाएं तैयार करेगी और स्टार्टअप के साथ सहयोग को बढ़ावा देगी, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त करने और क्वांटम प्रौद्योगिकी में नवाचार करने में मदद मिलेगी।
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के प्रो. ए.के. सूद ने कहा कि पाठ्यक्रम व्यापक और अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है। हालाँकि, गुणवत्तापूर्ण वितरण महत्वपूर्ण है। प्रमुख संस्थानों में पाठ्यक्रम सामग्री को रिकॉर्ड करना अन्य संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है, जिससे मानकीकृत और प्रभावी प्रशिक्षण सुनिश्चित हो सके।
एआईसीटीई और डीएसटी क्वांटम टेक्नोलॉजीज में स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू करने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं, जिससे भारत के तकनीकी और आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए क्वांटम प्रशिक्षित पेशेवरों की एक पाइपलाइन तैयार हो सकेगी। यह पहल एक साहसिक कदम है, जो क्वांटम रेडी ईकोसिस्टम तैयार करने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकार को एक साथ लाता है। नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देकर एआईसीटीई और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भारत को वैश्विक मंच पर क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी के रूप में स्थापित कर रहे हैं।