काठमांडू। नेपाल-भारत में 9 जनवरी से होने वाली वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठक से पहले बुधवार को दोनों देशों के बीच रहे व्यापार तथा परिवहन संधि को पुनरावलोकन करने पर सहमति बन गई है। इस बैठक के लिए भारत के वाणिज्य सचिव सुशील बरथवाल काठमांडू पहुंच चुके हैं। नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नेपाल के वाणिज्य सचिव गोविंद बहादुर कार्की करेंगे।
नेपाल और भारत के बीच 2009 में ही व्यापार और परिवहन संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे। तत्कालीन वाणिज्य राज्य मंत्री जयराम रमेश और नेपाल के तत्कालीन वाणिज्य मंत्री राजेंद्र महतो ने इस संधि पर हस्ताक्षर किये थे। इस संधि के प्रावधान के मुताबिक प्रत्येक सात वर्ष में यह स्वत: नवीकरण हो जाता है। सन् 2016 और 2023 में इसका नवीकरण हो चुका है, लेकिन नेपाल की तरफ से इसमें कई असमानताएं रहने के कारण इसके पुनरावलोकन की मांग उठाई जा रही थी। वैसे तो भारत 2020 में ही इस पर पुनरावलोकन के लिए तैयार हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उस वर्ष वर्चुअल बैठक ही हो पाई थी।
नेपाल के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता बाबूराम अधिकारी ने बताया कि गुरुवार से शुरू होने वाली अंतर सरकारी समूह की बैठक में व्यापार तथा परिवहन संधि पर समीक्षा करना एक प्रमुख एजेंडा होगा। उन्होंने कहा कि इस संधि के किन प्रावधानों को बदलना है उसको लेकर गृहकार्य चल रहा है और संभवतः आज शाम तक उस पर सहमति जुटा लिया जाएगा। उनके मुताबिक नेपाल की तरफ से भारत की ओर से निर्यात पर लगाई गई रोक को हटाने का प्रस्ताव हो सकता है। इसी तरह नेपाल के गुणस्तर प्रमाण पत्र को भारत की तरफ से मान्यता देने की भी मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि 9 जनवरी से होने वाली बैठक में इन सभी एजेंडा पर चर्चा की जाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक नेपाल और भारत के बीच अवैध व्यापार को रोकने के लिए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर करने की भी सहमति हो चुकी है। इस समझौते के तहत चीन से नेपाल के रास्ते भारत में होने वाले तस्करी को रोकने के लिए कानूनी मान्यता मिल जाएगी।