पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने का निर्देश जारी किया है. बता दें अटारी-वाघा चेक पोस्ट का बंद होना भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक प्रभाव डालता है. यह चेक पोस्ट दोनों देशों के बीच व्यापार का एकमात्र जमीनी मार्ग है, और इसके बंद होने से व्यापारिक गतिविधियों में भारी कमी आएगी.
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पाकिस्तान पर प्रभाव
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- आर्थिक नुकसान: पाकिस्तान को इस चेक पोस्ट के बंद होने से 3000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ सकता है. यह सीमा पार व्यापार पर निर्भर छोटे व्यापारियों और उद्योगों को सीधे प्रभावित करेगा, जो रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं जैसे फल, सब्जियां, और फार्मास्यूटिकल्स का आयात करते थे.
- आवश्यक वस्तुओं की कमी: भारत से आने वाले आवश्यक सामान जैसे दवाइयां, चीनी, और अन्य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति रुक जाएगी. इससे पाकिस्तान में इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं और जीवनरक्षक दवाओं की कमी हो सकती है.
- रोजगार पर असर: अटारी-वाघा सीमा पर काम करने वाले लोग जैसे कुली, ट्रक ड्राइवर, और दुकानदार अपनी आजीविका खो सकते हैं. यह स्थिति पाकिस्तान में बेरोजगारी को बढ़ा सकती है.
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भारत पर प्रभाव
- व्यापारिक रिश्तों में कमी: भारत ने पहले ही 2019 में पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते कम कर दिए थे. अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से भारत को भी कुछ हद तक नुकसान होगा, लेकिन यह नुकसान पाकिस्तान की तुलना में कम होगा क्योंकि भारत ने पहले ही अपने निर्यात को सीमित कर दिया था.
- अफगानिस्तान के साथ व्यापार प्रभावित: इस चेक पोस्ट के माध्यम से अफगानिस्तान से आने वाले सामान भी प्रभावित होंगे. इससे भारतीय बाजार में सूखे मेवे जैसी चीजों की उपलब्धता कम हो सकती है.
बता दें, पाकिस्तान को अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से अधिक नुकसान होगा, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था इस सीमा पार व्यापार पर अधिक निर्भर करती थी. इसके अलावा, आवश्यक वस्तुओं की कमी और रोजगार के अवसरों का नुकसान पाकिस्तान के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न करेगा.