झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को हजारीबाग में दिसंबर 2019 में एक नाबालिग को उसके परिचित के एसिड पिलाने के मामले पर सुनवाई हुई।
हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। सुनवाई करते हुए मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता के आगे का ट्रीटमेंट रिम्स, रांची में कराएं। उसके इलाज का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में मामले के अनुसंधानकर्ता को कोर्ट में सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है और उन्हें मामले के अनुसंधान की वर्तमान स्थिति के बारे में बताने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी।
सुनवाई के दौरान पीड़िता कोर्ट में वर्चुअल मोड में उपस्थित थी। उसने एसिड पिलाने की घटना की पुष्टि की। कोर्ट में एमिकस क्यूरी अपराजिता भारद्वाज ने पक्ष रखा। वर्ष 2019 में हजारीबाग में एक 13 साल की बच्ची जब वह स्कूल से लौट रही थी तो उसके परिचित ने जबरदस्ती उसे एसिड पिला दिया था, जिससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी। बाद में उसका एम्स पटना और रिम्स रांची में बच्ची का इलाज हुआ था। एसिड पिलाए जाने से दो महीने तक बच्ची कुछ बोलने में असमर्थ थी।