मिंस्क। रूस में कैदियों और अन्य भाड़े के सैनिकों के निजी सैन्य समूह वैग्नर के प्रमुख एवगेनी प्रिगोझिन के बेलारूस पहुंच गए हैं। इसकी पुष्टि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लूकाशेंको ने मंगलवार की। ज्ञात रहे कि रूस के खिलाफ अपने असफल सशस्त्र विद्रोह के बाद प्रिगोझिन बेलारूस पहुंच गए हैं।
बेलारूस में प्रिगोझिन के निर्वासन की घोषणा क्रेमलिन ने पहले उस समझौते के रूप में की थी, जिसके विद्रोह को समाप्त कर दिया था। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वैग्नर द्वारा उसके भारी हथियार रूसी सेना को सौंपे जाने की तैयारी चल रही है। प्रिगोझिन ने कहा था कि ये कदम पहले से चल रहे थे क्योंकि उनके सैनिकों के रूसी सेना की कमान के तहत सेवा करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की समय सीमा एक जुलाई है।
रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने निजी सैना के प्रमुख एवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में सशस्त्र विद्रोह की आपराधिक जांच बंद कर दी है और उनके या उनके सैनिकों के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं।
संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि बगावत में शामिल लोगों ने अपराध को अंजाम देने के इरादे से की जाने वाली गतिविधियां बंद कर दी हैं , इसलिए मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
फिर भी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रिगोझिन के स्वामित्व वाले एक संबद्ध संगठन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के लिए आधार तैयार करते प्रतीत हो रहे हैं।
उन्होंने एक सैन्य सभा को बताया कि प्रिगोझिन के कॉनकॉर्ड समूह ने सेना को भोजन उपलब्ध कराने के अनुबंध से 80 अरब रूबल कमाए और वैगनर को पिछले वर्ष वेतन और मजदूरी के लिए 86 अरब रूबल प्राप्त हुए थे।
पुतिन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसा करते समय उन्होंने कुछ भी नहीं चुराया या बहुत ज्यादा चोरी नहीं की। उन्होंने कहा कि अधिकारी कॉनकॉर्ड के अनुबंध पर बारीकी से नजर रखेंगे।
प्रिगोझिन के बगावत का ऐलान 24 घंटे से भी कम समय तक चली थी। यूक्रेन में 16 महीने से जारी युद्ध के बीच रूस की सत्ता पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पकड़ पर सबसे बड़ा खतरा पैदा करने वाली सिलसिलेवार घटनाओं में यह एक नई कड़ी थी।