पटना। पटना हाई कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में मंगलवार को राहुल गांधी की एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग पर सुनवाई करते हुए राहत को बरकरार रखा है। पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को सशरीर कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए राहुल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को पेशी से छूट के अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। इससे पहले 15 मई को पटना हाई कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई टल गई थी। आपराधिक मानहानि के एक अन्य केस में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई थी।
राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर बताया था। राहुल गांधी की विवादित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पटना स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
सुशील मोदी की तरफ से दायर मुकदमे पर एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को 12 अप्रैल को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था। हालांकि, उस दिन राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके थे। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि अत्यधिक व्यस्तता के कारण राहुल गांधी पटना नहीं आ सके। इसपर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 25 अप्रैल को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था।