बेगूसराय। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बेगूसराय इकाई के कार्यकर्ताओं ने बिहार शिक्षक बहाली में बिहार के छात्रों के खिलाफ डोमिसाइल नीति को वापस लेने एवं नियमावली को स्पष्ट, सरल एवं अनुकूल नहीं रहने के कारण एसबीएसएस कॉलेज से पावर हाउस तक जाकर प्रदर्शन किया। मौके पर पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। जो पिछले 75 वर्षों से छात्रों की समस्याओं के साथ-साथ राष्ट्र पुनर्निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही है। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में सम्पूर्ण क्रांति में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। जिसके बारे में आप नीतीश कुमार अच्छे से परिचित हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार एक युवा प्रधान राज्य है, जहां उद्योग एवं कल कारखाने का घोर अभाव है। ऐसे में राज्य के युवाओं के पास रोजगार के दृष्टिकोण से सरकारी नौकरी ही एकमात्र उपाय बचता है। सरकारी वैकेंसी भी कई-कई सालों तक नहीं निकलती एवं अगर निकलती भी है तो कई जगह प्रश्न-पत्र लीक और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है।
विश्वविद्यालय प्रमुख मिलन कुमार एवं विभाग संयोजक सोनू कुमार ने कहा कि पिछले माह घोषित एक लाख 70 हजार स्कूली शिक्षकों की बहाली की घोषणा से युवाओं में एक नई उम्मीद जगी। लेकिन पिछले कुछ महीने के घटनाक्रम और सरकार के प्रतिनिधियों के बयानों को देखने से स्पष्ट होता जा रहा है कि यह घोषित नियुक्ति बिहार के युवाओं के खिलाफ षड्यंत्र है। जान बूझकर नियुक्ति को लटकाने का प्रयास है। यह शिक्षक बहाली प्रक्रिया के बीच में डोमिसाइल नीति को बदलना तकनीकी रूप से गैरकानूनी हैं। इससे बिहार के बच्चों के लिए अवसर की कमी हो जाएगी। जहां सभी राज्य अपने राज्यों में केवल अपने बच्चों को ही प्राथमिकता देने के लिये डोमिसाइल नीति को लागू करते हैं तो वहीं सभी गैर हिन्दी राज्य अपने स्थानीय भाषा का ज्ञान भी आवश्यक कर देते हैं।
जिला संयोजक पुरषोत्तम कुमार एवं प्रांत छात्र सह प्रमुख स्वेत निशा ने कहा कि बिहार में नहीं है। मेधा की कमी शिक्षक बहाली के लिए ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी खोले जाने का जो शिक्षा मंत्री ने तर्क दे रहे हैं, वह बहुत ही शर्मनाक है। बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है और साइंस स्ट्रीम में अभ्यर्थियों की भी कोई कमी नहीं है। शिक्षा मंत्री गणित के लिए अभ्यर्थियों की कमी की बात करते हैं। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आदित्य कुमार एवं प्रदेश कार्यकारणी सदस्य कमल कश्यप ने कहा कि विद्यार्थी परिषद मुख्यमंत्री से अपील करती है कि डोमिसाइल नीति पर संवेदनशील तरीके से पुनर्विचार किया जाए। नियमावली को स्पष्ट एवं सरल तरीके से अभ्यर्थियों के हित में बनाया जाए। पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को एक समय सीमा के अंदर पूरा करे। जिससे बिहार के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए एक उम्मीद की किरण दिखे।