श्रीहरिकोटा: अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने रचा इतिहास, देश का मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च। इसरो ने आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 किया लॉन्च।लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया ।
चंद्रयान-3 तीन में एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है । इसका कुल भार 3,900 किलोग्राम है।चंद्रयान 3 के लॉन्च को देखने के लिए कई स्कूलों के क़रीब 200 स्टूडेंट्स स्पेस सेंटर पर पहुंचे थे। इस दौरान हज़ारों लोग स्पेस सेंटर पर मौजूद दिखे।
भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। अगर इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। ISRO ने अगस्त के अंत में ‘चंद्रयान-3’ की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना बनाई गई है। उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के Interplanetary अभियानों के लिए सहायक होगा। चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई टेक्नोलॉजी को विकसित करना और प्रदर्शित करना है।
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 के लॉन्च से पहले ट्वीट कर कहा था- ”भारत के स्पेस सेक्टर के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 की तारीख़ सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी.”