नई दिल्ली। एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप 2023, जिसका आयोजन नई दिल्ली में होना था, अब 9 अप्रैल को अस्ताना, कजाकिस्तान में शुरू हो रहा है। इस प्रतियोगिता से पहले भारत के सामने कई चुनौतिया हैं, वर्तमान में भारतीय कुश्ती में उठापटक चल रही है, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान गायब हैं और एक नई रुप वाली टीम तैयार है।
छह दिवसीय यह प्रतियोगिता सर्बिया में सितंबर के मध्य में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए वरीयता निर्धारित करेगा। नतीजतन, विश्व चैंपियनशिप, पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाइंग इवेंट के रूप में काम करेगी।
टोक्यो ओलंपियन दीपक पुनिया के नेतृत्व में भारत की महिला और पुरुष फ्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन डिवीजनों में 30 सदस्यीय टीम है।
22 वर्षीय दीपक इस नए रूप वाली टीम में एकमात्र शीर्ष पहलवान हैं जिन्हें ओवरसाइट कमेटी द्वारा चुना गया है, (जिसकी नियुक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच शुरू करने और महासंघ की कमान संभालने के लिए की गई थी)।
बता दें कि एशियाई चैंपियनशिप शुरू में नई दिल्ली में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के कुछ दिनों बाद 28 मार्च से 2 अप्रैल तक होनी थी। हालाँकि, 23 फरवरी को, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यू डब्ल्यू डब्ल्यू) ने घोषणा की कि डब्ल्यूएफआई के खिलाफ लंबित जाँच के कारण इस कार्यक्रम को अस्ताना में स्थानांतरित कर दिया गया था।
खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ दोनों ने डब्ल्यूएफआई के खिलाफ यौन दुराचार, वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक चूक के आरोपों की जांच के लिए समितियों का गठन किया, लेकिन उनकी नियुक्ति के लगभग तीन महीने बाद भी समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
इसके बाद ओवरसाइट कमेटी ने मार्च में चयन ट्रायल आयोजित किया और 30 सदस्यीय भारतीय दल को चुना। चयन प्रक्रिया में डब्ल्यूएफआई की कोई भूमिका नहीं थी।
चयन ट्रायल में बड़े नाम वाले पहलवान नहीं हुए शामिल
बजरंग पुनिया, रवि दहिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे सभी बड़े नाम चयन ट्रायल में शामिल नहीं हुए। उन्होंने पहले कहा था कि जब तक डब्ल्यूएफआई के खिलाफ जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे किसी भी अंतरराष्ट्रीय या घरेलू स्पर्धा में हिस्सा नहीं लेंगे और इसलिए इस साल की शुरुआत में दो रैंकिंग सीरीज स्पर्धाओं से बाहर हो गए। रवि भी घुटने की चोट से जूझ रहे हैं, जिससे वह बाहर हो गए हैं।
हालांकि, सोनम मलिक और अंशु मलिक, जो विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं, एशियाई चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
बड़े पहलवानों के न होने से इन भारतीय पहलवानों से होंगी पदक की उम्मीदें
57 किग्रा में अमन सहरावत के पास फाइनल में जगह बनाने का सुनहरा मौका है। वह अंडर-23 विश्व चैंपियन है और टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि द्वारा शासित श्रेणी में घरेलू स्तर पर भी प्रभावित किया है। इसके बाद दीपक पुनिया हैं, जो 86 किग्रा से 92 किग्रा वर्ग में आ गए हैं। दीपक के नाम चार एशियाई पदक हैं और वह इवेंट में अपने पहले स्वर्ण पदक की तलाश में हैं।
महिलाओं की फ्रीस्टाइल में बड़ी उम्मीद 53 किग्रा वर्ग में 19 वर्षीय अंतिम पंघाल से है। अंतिम एशियाई जूनियर चैंपियन और विश्व अंडर-20 चैंपियन भी हैं। सोनम मलिक, जिन्होंने पिछले साल जूनियर वर्ल्ड में रजत जीता था, एक उज्ज्वल संभावना है और 57 किग्रा वर्ग में अंशु मलिक हैं, जिन्होंने 2022 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य जीता था। महिला वर्ग में सबसे अनुभवी 59 किग्रा वर्ग में सरिता मोर हैं, जो दो बार की एशियाई चैंपियन हैं।
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम –
महिला फ्रीस्टाइल: नीलम सिरोही (50 किग्रा), अंतिम पंघल (53 किग्रा), सीतो (55 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा), सरिता मोर (59 किग्रा), सोनम मलिक (62 किग्रा), मनीषा (65 किग्रा), निशा दहिया (68 किग्रा), रीतिका हुड्डा (72 किग्रा), प्रिया मलिक (76 किग्रा)।
पुरुष फ़्रीस्टाइल: अमन सहरावत (57 किग्रा), पंकज (61 किग्रा), अनुज कुमार (65 किग्रा), मुलायम यादव (70 किग्रा), यश तुषार (74 किग्रा), दीपक (79 किग्रा), जोंटी कुमार (86 किग्रा), दीपक पुनिया (92 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा), अनिरुद्ध गुलिया (125 किग्रा)।
ग्रीको रोमन: रूपिन (55 किग्रा), सुमित (60 किग्रा), नीरज छिकारा (63 किग्रा), आशु बाजार्ड (67 किग्रा), विकास (72 किग्रा), साजन भानवाला (77 किग्रा), रोहित दहिया (82 किग्रा), सुनील कुमार (87 किग्रा), नरेंद्र चीमा (97 किग्रा), नवीन सेवलिया (130 किग्रा)।