रोहतास। रोहतास जिले के सासाराम में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर 31 मार्च से बंद इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है। जिले में शनिवार सुबह से इंटरनेट सेवा की सुविधा लोगों को मिलने लगी है।
9 दिनों से इंटरनेट सेवा बंद रहने से जिलों के लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी लेकिन अब लोगों ने राहत की सांस ली है और इंटरनेट से जुडी कई सेवाओं के लिए अब वे परेशानी से मुक्त हो गए हैं। रमजान के अवसर होने वाली ऑनलाइन शॉपिग सहित रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इंटरनेट की सेवाएं शुरू होने से लोगों की कई प्रकार की खरीददारी आसान हो गई है। वहीं इंटरनेट शुरू होने से ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों को भी बड़ी राहत मिली है। हालांकि इंटरनेट सेवा शुरू होने के बाद प्रशासन और ज्यादा मुस्तैद है। सोशल मीडिया पर खास कर ध्यान रखा जा रहा है। इसके पहले सासाराम में हुई हिंसा और उपद्रव की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन के आदेश से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। इस वजह से आम लोगों के साथ ही विद्यार्थियों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी थी।
जिलाधिकारी धमेंद्र कुमार ने कहा है कि धार्मिक भावनाओं को भडकाने वाली और आपत्तिजनक पोस्ट पर नजर रखी जायेगी। ऐसा करने वाले पर एफआईआर दर्ज की जायेगी और जरूर पड़ने पर गिरफ्तार भी किया जायेगा। इंटरनेट का प्रयोग सकारात्मक रूप में करेंगे। इसके लिए अलग से टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में अब स्थिति सामान्य है। फिर भी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
बताया जा रहा है कि अधिकांश बाजारों में अब आम दिनों की भांति दुकानें खुलने लगी है। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग खरीददारी के लिए सासाराम आने लगे हैं। सड़कों पर चहल पहल भी फिर से सामान्य होने लगा है। हालांकि पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम अभी भी जारी हैं। संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है। सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए दोनों समुदायों के लोगों ने कल एक अच्छी पहल की।जुम्मे की नमाज के बाद हिंदू लोगों की ओर से मुस्लिमों को गुलाब भेंट किया गया। इस दौरान मुस्लिम भाई भाव विभोर हो गये।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व रामनवमी के दौरान उपद्रव की घटनाएं देखने को मिली थी। इस वजह से सासाराम में पुलिस ने उपद्रवियों से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किया था। व्यापक स्तर पर फ्लैग मार्च किया गया। राज्य एक डीजीपी आरएस भट्टी ने भी सासाराम का दौरा किया और जमीनी स्थिति को जाना। सासाराम के कई स्थानों को चिन्हित कर वहां खास नजर रखी गयी। नौ दिनों बाद आज वहां की स्थिति पूरी तरह समान्य हो पायी।