काबुल। अफगानिस्तान की हुकूमत पर काबिज तालिबान के सदाचार मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद सिदिक आकिफ महाजर ने महिला ब्यूटी सैलून पर लगाए गए प्रतिबंध पर हंगामा मचने के बाद सफाई दी है। महाजर ने कहा है कि देश सभी महिला ब्यूटी सैलून के लिए चार माह पहले 14 दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। सभी को चेतावनी दी गई थी कि अगर इनका पालन नहीं किया गया तो प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
इससे पहले चार जुलाई को प्रवक्ता महाजर ने कहा था कि इन दिशा-निर्देशों को 24 जून को तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुनजादा ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसलिए इनका उल्लंघन हरगिज स्वीकार नहीं होगा। उधर, तालिबान की इस हठधर्मिता से लगभग 12,000 महिला ब्यूटी सैलून में ताला लटक गया है। इनमें 50,000 से अधिक कर्मचारी (लड़कियां और लड़के) काम करते हैं। सबके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
तालिबान के दिशा-निर्देशों में कठोरता से कहा गया है कि हर महिला मेकअप आर्टिस्ट को निर्धारित समय पर प्रार्थना करनी होगी। उन्हें इस्लामिक हिजाब का पालन करना होगा। उनकी शृंगार सामग्री से वुजू (स्नान) में रुकावट नहीं आनी चाहिए। सैलून आने वाली हर महिला को पहले स्नान करना होगा। सैलून के अंदर कैमरा नहीं होगा। पुरुषों को मौजूद रहने की अनुमति नहीं होगी। हर सैलून में स्नान के लिए जगह होनी चाहिए। सैलून की कोई कर्मचारी ग्राहकों के घर नहीं जाएगी। प्रवक्ता महाजर ने कहा है कि चार माह का समय बहुत होता है। चूंकि उन्होंने दिशा-निर्देशों को लागू नहीं किया, इसलिए उन्हें बंद करा दिया गया है।
महिला सौंदर्य सैलून संघ की प्रमुख मीना सुल्तानी हुकूमत के फैसले से आहत हैं। अफगानिस्तान की महिला सैलून में काम करने वाली लड़कियों का कहना है कि वह इस्लामिक अमीरात के हर तरह के दिशा-निर्देश को लागू करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी दुकानें बंद नहीं की जानी चाहिए।