कोडरमा। नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म किए जाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की अदालत ने गुरुवार को आरोपी 37 वर्षीय जनार्दन मोदी पिता शिवबालक मोदी अनंतडीह निवासी एवं 30 वर्षीय अरुण कुमार दास पिता किशुन दास लारियाडीह निवासी को 376डी एक्ट के तहत दोषी पाते हुए 25-25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 50-50 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया, जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3-3 वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।
क्या है मामला मामले को लेकर कंप्लेंट केस न्यायालय में दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि जब भुक्त भोगी घर में अकेली थी उस समय दोनों आरोपी उसे अकेला पाकर घर में घुस आए और जबरन दुष्कर्म किया। जब वह रोने और चिल्लाने लगी तो चाकू दिखाकर कहा कि चुप रहो और किसी से बोलोगी तो जान से तुम्हारे माता-पिता को मार देंगे। डर से बची चुप हो गई। इस प्रकार वे लोग बच्ची को अकेली पाकर अक्सर उसके साथ दुष्कर्म करने लगे। वह नाबालिग गर्भवती हो गई एवं उसके माता-पिता उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गये तब उक्त नाबालिग के गर्भवती होने का पता चला। पूछने पर नाबालिक ने सारी बातें अपने माता-पिता को बताई।
इस पर नाबालिग के माता-पिता उन दोनों के घर जाकर बात किया और शादी करने की बात कही। वहीं अरुण कुमार दास ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया। वहीं 15 जूलाई 2014 को दोनों आरोपी उपरोक्त नाबालिग को ध्वजाधारी आश्रम के समीप बुलाया गया, जब वह अपने पिता के साथ वहां पहुंची तो वह दोनों आरोपी तीन-चार और लड़कों के साथ वहां खड़ा था और उपरोक्त नाबालिग को जबरन अस्पताल ले जाने लगा। मना करने पर गाली गलौज और धमकी देते हुए भाग गया। इसकी सूचना तिलैया डैम ओपी थाना में दी गई। बाद में उपरोक्त मामले को लेकर न्यायालय में कंप्लेन केस दायर किया गया।
इसे लेकर पोक्सो 02/23 एवं जयनगर-थाना कांड संख्या 157/2014 दर्ज कराया गया था। अभियोजन का संचालन पीपी पीके मंडल ने किया। इस दौरान सभी 8 गवाहों का परीक्षण कराया गया। लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल ने कार्रवाई के दौरान न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सजीव कुमार यादव ने बचाव करते हुए दलीलें पेश की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।