खबर मन्त्र ब्यूरो
जमशेदपुर। भारत सरकार के केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज सुबह अचानक घाघीडीह सेंट्रेल जेल पहुंच कर शास्त्रीनगर उपद्रव मामले में गिरफ्तार भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह, जिला उपाध्यक्ष सुधांशु ओझा, अधिवक्ता चंदन कुमार और विहिप नेताओं से भेंट की। इस दौरान मुंडा के साथ सरायकेला-खरसावां जिला के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सिंह, जिप अध्यक्ष बारी मुर्मू,जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष विनोद सिंह व कृष्णा शर्मा काली आदि भी थे।
अर्जुन मुंडा सुबह साढ़े दस बजे सेंट्रल जेल पहुंचे। उनके जेल गेट पहुंचते ही जिला प्रशासन और जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री को जेल में बंद भाजपा व विहिप नेताओं से मिलवाने का प्रबंध किया गया जबकि यहीं जेल प्रशासन दो दिन पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और सांसद विद्युतवरण महतो को भाजपा नेताओं से भेंट नहीं करने दिया। खैर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा न सिर्फ जेल में बंद भाजपा नेताओं से करीब पौन घंटे तक बातचीत कर उनके मुंह से शास्त्रीनगर उपद्रव और उसके बाद पुलिसिया कार्रवाई की बात सुनी।
अभय सिंह ने कहा कि मैं तो शास्त्रीनगर गया तक नहीं फिर भी पुलिस ने मुझे अहले सुबह बिना वारंट के गिरफ्तार कर लिया और बिष्टुपुर थाना हाजत में एक अपराधी की तरह बंद कर दिया। जिला उपाध्यक्ष सुधांशु ओझा का कहना था कि वे शहर से बाहर थे और पुरी से पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती आयी और जेल भेज दिया। विहिप नेताओं ने कहा कि वे लोग एसएसपी से मिल कर अपनी बात कहने गए थे तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अधिवक्ता चंदन को हथकड़ी लगा कर जेल भेजा गया। भाजपा नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से अपने ऊपर लगी आपराधिक धाराओं को लेकर भी पूर्वी सिंहभूम पुलिस और जिला प्रशासन की शिकायत की।
भाजपा नेताओं से मिल कर आने के पश्चात केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि शास्त्रीनगर में एक छोटे से मामले को पुलिस प्रशासन की लापरवाही से गलत तत्वों ने बड़ा रुप दे दिया। इस मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी। जो भाजपा नेता घटनास्थल पर नहीं थे उन्हें भी गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया है। स्पष्ट है कि प्रशासन दबाव में आकर काम कर रहा है।
ऊजप अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा कि अभय सिंह को पुलिस ने झारखंड सरकार के इशारे पर गिरफ्तार कर जेल भेजा है। दोषियों पर कार्रवाई की बजाय सरकार पुलिस से निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करवा रही है।
शैलेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष ढंग से काम करना चाहिए था। पुलिस और जिला प्रशासन ने जोश में आकर निर्दोष लोगों को शास्त्रीनगर मामले में लपेटने का काम किया है जो गलत है।