गंगटोक। मौसम अनुकूल होने के साथ उत्तरी सिक्किम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम शुरू हो गया है। सोमवार सुबह लाचेन और लाचुंग से पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया।
गत 3-4 अक्टूबर की रात उत्तरी सिक्किम में ल्होनाक झील के फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक सैलाब आने से भारी तबाही हुई है और जानमाल का व्यापक नुकसान हुआ। तीस्ता नदी ने उत्तरी सिक्किम को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को कई स्थानों पर नष्ट कर दिया है जिसके चलते उत्तरी सिक्किम का राज्य के अन्य हिस्सों से संपर्क टूट गया।
इस तबाही के दौरान उत्तरी सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों लाचेन, लाचुंग, चुंगथांग घूमने पहुंचे पर्यटक पिछले 4 अक्टूबर से फंसे हुए थे। राज्य सरकार ने उत्तरी सिक्किम के विभिन्न स्थानों में फंसे लगभग 3000 पर्यटकों और लगभग 800 ड्राइवरों का डेटा जारी किया है। मौसम बेहद खराब होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही थी। हादसे के छह दिन बीत जाने के बाद आज मौसम अनुकूल होते ही भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर ने बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
राज्य आईपीआर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लाचेन से पर्यटकों के पहले जत्थे को सोमवार सुबह मंगन के रिंगहिम हेलिपैड पर सुरक्षित उतारा गया। इसी तरह उत्तरी सिक्किम के लाचुंग से पर्यटकों की पहली खेप को पाकिम के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतारा गया है। बताया जा रहा है कि पर्यटकों के बचाव के लिए सेना के एमआई- 17 और चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं।