रांची। झारखंड हाई कोर्ट में स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना को राज्य सरकार द्वारा बंद किए जाने के खिलाफ संतोष कुमार सोनी की जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि स्वर्ण रेखा बहुद्देशीय परियोजना में अब तक साढ़े छह हजार करोड रुपये खर्च हो चुके हैं। जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है।
विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर भी व्यवस्था कर दी गई है लेकिन इसी दौरान राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को बिना कारण ही बंद कर दिया। राज्य सरकार ने मार्च 2020 में इस योजना का काम बंद करने का आदेश दिया था जबकि इस योजना से हजारों लोगों का रोजगार सृजित होता। सिंचित भूमि के साथ-साथ पर्यटन दृष्टि से भी राज्य का विकास होना था लेकिन सरकार के उदासीन रवैया के कारण यह योजना अधर में है। ऐसे में अदालत ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। निर्माण करने वाली कंपनी दिलीप बिल्डकॉन की तरफ से अवगत कराया गया कि उनके तरफ से जवाब दाखिल हो चुका है। मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2024 को होगी।