एजेंसी
नयी दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच मोदी सरकार ने कई बड़े फैसला किये। केंद्र सरकार ने देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाइ) को पांच वर्ष तक के लिए बढ़ाने पर अपनी मुहर लगा दी है। इससे 11.80 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान से 81. 35 करोड़ लोगों को अगले पांच वर्ष तक नि:शुल्क अनाज मिलता रहेगा। यह योजना 31 दिसंबर, 2023 को खत्म हो रही थी। अब 2028 तक गरीबों को लाभ मिलता रहेग। साथ ही केंद्रीय केंद्रीय कैबिनेट ने 1261 करोड़ रुपये के प्रावधान से महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करने के लिए केंद्रीय योजना को भी मंजूरी दे दी। वहीं मंत्रिमंडल ने कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए 24,104 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दी है। (शेष पेज 11 पर)
81.35 करोड़ लोगों को पांच साल तक फ्री अनाज: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जो पीएमजीकेएवाई को दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजनाओं में रखता है। इसका उद्देश्य पांच वर्ष की अवधि में 11.80 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान से 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पीएमजीकेएवाइ के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न (चावल, गेहूं और मोटा अनाज एवं बाजरा) खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगा और आबादी के गरीब और कमजोर वर्गों को मदद देगा। इस योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की थी। देश में जितने चिह्नित परिवार हैं उन परवारों को प्रति माह पांच किलो खाद्यान मिलेगा। इससे 81 करोड़ परिवारों को लाभ मिलता है। इसी तरह से अंत्योदय के परिवारों को 35 किलो प्रति माह खाद्यान मुफ्त में मिलता रहेगा। कुल मिलाकर अगले पांच वर्षों में 11 लाख 80 हजार करोड़ रुपये भारत सरकार खर्च करेगी।
एसएचजी को ड्रोन मिलेगा: बुधवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक में 1261 करोड़ रुपये के प्रावधान से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)को ड्रोन प्रदान करने के लिए केंद्रीय योजना के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। यह योजना वर्ष 2024-25 से वर्ष 2025-26 की अवधि में प्रभावी होगी। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-2026 की अवधि में कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को सेवाएं प्रदान करने के लिए 15 हजार चयनित महिलाओं को ड्रोन प्रदान करना है। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को प्रोत्साहन देती है। यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, उर्वरक मंत्रालय, महिला स्वयंसेवा समूह और प्रमुख उर्वरक कंपनियों के संसाधनों और प्रयासों से लागू की जायेगी। ड्रोन और सहायक उपकरण और सहायक शुल्क की लागत का 80 प्रतिशत, अधिकतम आठ लाख रुपए महिला समूह को दिये जाएंगे। शेष राशि को तीन प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान: कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए 24,104 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार इस 24104 करोड़ रुपये की राशि में केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी 8,768 करोड़ रुपये तय की गयी है। इस अभियान की बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गयी थी। बुधवार को फैसले की जानकारी दी गयी। देश भर में जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए यह योजना शुरू की गयी है। इसके तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधायें मुहैया करायेगा।
पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान: कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए 24,104 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार इस 24104 करोड़ रुपये की राशि में केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी 8,768 करोड़ रुपये तय की गयी है। इस अभियान की बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गयी थी। बुधवार को फैसले की जानकारी दी गयी। देश भर में जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए यह योजना शुरू की गयी है। इसके तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायेगा।
15 हजार महिलाओं को ड्रोन मिलेगा: बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 1261 करोड़ रुपये के प्रावधान से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)को ड्रोन प्रदान करने के लिए केंद्रीय योजना के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। यह योजना वर्ष 2024-25 से वर्ष 2025-26 की अवधि में प्रभावी होगी। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-2026 की अवधि में कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को सेवाएं प्रदान करने के लिए 15 हजार चयनित महिलाओं को ड्रोन प्रदान करना है। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को प्रोत्साहन देती है। यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, उर्वरक मंत्रालय, महिला स्वयंसेवा समूह और प्रमुख उर्वरक कंपनियों के संसाधनों और प्रयासों से लागू की जायेगी। ड्रोन और सहायक उपकरण और सहायक शुल्क की लागत का 80 प्रतिशत, अधिकतम आठ लाख रुपए महिला समूह को दिये जाएंगे। शेष राशि को तीन प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।