झुमरीतिलैया (कोडरमा)। बड़ी सस्ती मिला करती हैं दुआएं इनकी, कभी किसी बुजुर्ग के काम आ जाया करो, मंदिर मस्जिद से अजीज आ जाए दिल तो किसी वृद्धाश्रम में यूं ही चला जाया करो, जैसी पंक्ति पर अमल करते हुए चार वर्षीय स्वर्नेश कुमार (कान्हा) वृद्धाश्रम पहुंच कर दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। दरअसल कान्हा अपना चौथा जन्मदिन शहर में संचालित वृद्धाश्रम में रह रहे दादा दादियों के साथ केक काटकर मनाया।
कान्हा को बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और कहा कि इस तरह के संस्कार जो बच्चों में देखने को मिल रहा है, यह मिल का पत्थर साबित होगा। ख़ास कर कान्हा के पिता रत्नेश प्रसाद और मां अनु कुमारी ने जो संस्कार दिया है यह अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। वहीं कान्हा के माता पिता ने बताया कि पिछले 3 वर्षो से वो अपना जन्मदिन दादा हरेंद्र प्रसाद व दादी निर्मला देवी के साथ गांव जाकर मनाता था, मगर इस वर्ष कान्हा की दादी कैंसर से पीड़ित होने के कारण मुंबई में इलाज करा रही है, ऐसे में कान्हा वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्ग दादा दादी के साथ जन्मदिन मनाया और उपहार के रूप में आश्रम में मौजूद 18 लोगों को शॉल और कंबल उपलब्ध कराया। साथ ही बुजुर्गों के साथ बैठ कर लजीज भोजन भी ग्रहण किया।
मौके पर त्वेषा कश्वी, उमेश साव, बद्री यादव के अलावा आश्रम की काउंसलर स्वीटी गुप्ता सहित सभी बुजुर्ग मौजूद थे।