खूंटी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने कहा कि राज्य में पहली बार अबुआ आवास योजना की शुरुआत खूंटी जिले से हो रही है। इस योजना के लाभुकों को तीन कमरे वाला आवास दिया जायेगा। इसमें लाभुक को दो लाख की वित्तीय सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को तोरपा के एनएचपीसी मैदान में आयोजित अबुआ आवास योजना स्वीकृति पत्र वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2027 तक राज्य के 20 लाख जरूरतमंदों को तीन कमरों वाला आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपकी योजना आपकी सरकार के माध्यम से गांव के लोगों की समस्याओं सरकार ने सुनी और आवेदन लिए। अब सरकार उनके निष्पादन करने में लगी है। सोरेन ने कहा की झारखंड का हरेक कोना अपनी आंखों से देखा है। वे हर समस्या से अवगत हैं। सबके निष्पादन का प्रयास सरकार कर रही है। इस राज्य को सोने की चिड़िया कहा जाता है। क्योंकि, जमीन के अंदर खनिज सम्पदा है। 40 फीसदी से अधिक खनिज सम्पदा झारखंड में मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य है कि विरोधियों को जमीन के अंदर की चीजें तो दिखाई देती हैं लेकिन जमीन के ऊपर रहने वाले व्यक्ति की समस्या नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि गुरुजी ने लड़कर झारखंड लिया। अलग राज्य बने 23 साल हो गये लेकिन आज गांवों की हालत क्या है, बताने की जरूरत नहीं है। हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य अलग होने बाद ऐसे लोगों की सरकार बनी, जो राज्य बनने के ही विरोधी थे। गरीब और गरीब होते चले गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आठ लाख लोगों को आवास के लिए चिह्नित किया था। पहले इसका नाम इंदिरा आवास था। अब प्रधानमंत्री आवास हो गया। योजना का नाम बदलने में वे माहिर हैं। इनका कहना था कि देश के सब गरीबों को आवास देंगे। अब कहते हैं कि सबको आवास दे दिये।