रांची। केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसंधान एवं विकास संगठन सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडीएसी) द्वारा विकसित और डिजाइन किया गया सी-केयर्स नामक सीएमपीएफओ का वेब पोर्टल गुरुवार को लांच किया।
यह पोर्टल सीएमपीएफओ की डिजिटलीकरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जिसका लक्ष्य अपने रिकार्ड और कार्य प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे का समाधान करेगा। कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोयला क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से भविष्य निधि और पेंशन योजनाओं के संचालन के लिए वर्ष 1948 में स्थापित एक स्वायत्त संगठन है।
संगठन वर्तमान में कोयला क्षेत्र के लगभग 3.3 लाख भविष्य निधि अंशदाताओं और 6.1 लाख पेंशनभोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। वर्तमान में सीएमपीएफओ भविष्य निधि ग्राहकों और पेंशनभोगियों के दावों का निपटान मैन्युअल रूप से करता है। पोर्टल के लांच के साथ, पीएफ और पेंशन दावों का निपटान अब आनलाइन प्रोसेस और निपटान किया जाएगा। इससे मामले को निपटाने में तेजी, संचालन में पारदर्शिता, बेहतर रिकार्ड प्रबंधन और निगरानी की सुविधा मिलेगी। इससे अंशदाताओं और पेंशनभोगियों में भी विश्वास पैदा होगा।
जोशी ने एजुकेशनल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (ईडीसीआईएल), नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और टाटा स्ट्राइव के सहयोग से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की निगमित सामाजिक दायित्व के रूप में की जा रही तीन सीएसआर परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत और डिजिटल भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए कोल इंडिया और एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य कोयला धारक राज्यों में 12वीं कक्षा के स्कूलों तक स्मार्ट कक्षाओं और कंप्यूटर प्रयोगशाला के माध्यम से डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है।
अनुमान है कि 200 स्कूल लाभान्वित होंगे और इस सीएसआर पहल पर करीब 27 करोड़ 8 लाख रुपये व्यय होगा। सरकारी कोयला कंपनियों की सीएसआर पहल के तहत एक हजार स्मार्ट क्लासरूम पहले ही सुसज्जित किए जा चुके हैं। कोलफील्ड के आसपास के समुदायों के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए कोल इंडिया ने अपनी प्रत्येक सहायक कंम्पनियों में बहु-कुशल विकास संस्थान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसका व्यापक उद्देश्य युवाओं को बेसलाइन सर्वे और बाजार की आवश्यकताओं के आधार पर अपेक्षित कौशल से लैस करना है।