झांसी। कृषि क्षेत्र में एक नई पहल के तहत नाबार्ड इफको किसान स्मार्ट फार्म परियोजना अंतर्गत ग्राम नोहरा विकास खण्ड बबीना में यूरिया छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। फसलों में नई तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है। सैटेलाइट से फसलों का आंकलन करके किसानों को लिखित व वाणी संदेशों से कृषि की उन्नत तकनीक के बारे में जानकारियां दी जा रहीं हैं। मौसम का ध्यान रखा जा रहा है। फसल उत्पादन में खर्चा कम और अधिक उत्पादन लिया जा रहा है।
इस तकनीकी का उपयोग करके वातावरण व मिट्टी को दूषित होने से बचाया जा रहा है। इसी कड़ी में ड्रोन तकनीक का उपयोग करके कृषि में नई क्रांति लायी जा रही है। इस परियोजना के तहत, ड्रोन का उपयोग खेतों में उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किया जा रहा है। इससे उर्वरक व कीटनाशकों की लागत में कमी आ रही है। पानी की बचत हो रही है। एक एकड़ खेत में केवल 10 लीटर पानी पर्याप्त रहता है। सम्पूर्ण फसल पर समान रूप से उर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव हो जाता है। इस योजना से समय और श्रम की बचत होती है। ड्रोन तकनीक से उर्वरकों और कीटनाशकों का सटीक छिड़काव हो जाता है। इससे पर्यावरण पर भी कम प्रभाव पड़ता है। मौके पर द्वितीयक नावार्ड भूपेश पाल ने बताया कि योजना अंतर्गत मिट्टी की संरचना में फसल पर छिड़काव समान रूप से किया जाता है। अधिकतर रसायन पत्तियों पर ही रहता है। खेत की मिट्टी पर प्रभाव कम पड़ता है। नाबार्ड इफको किसान स्मार्ट फार्म परियोजना झांसी के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। ड्रोन तकनीक के उपयोग से किसानों को न केवल उर्वरक की लागत में कमी आ रही है, बल्कि अन्य कई लाभ भी मिल रहे हैं। ड्रोन के माध्यम से खेत में कीटनाशक व उर्वरक के छिड़काव प्रदर्शन के समय इफको किसान राकेश यादव, नितिन, प्रगतिशील किसान आत्माराम, ईश्वर आदि उपस्थित रहे।