रामगढ़। रामगढ़ शहर के बाजारटांड़ में जिस अपराधी को अपहरण के मामले में पुलिस ने पकड़ा है, वह बहुत शातिर निकला। अपराधी अमित कुमार रामगढ़ से पहले पूर्णिया जिले में भी किराए के मकान पर रहता था। इसी दौरान उसका संबंध ठेकेदार धनंजय कुमार सिंह के साथ बना था। वह दोनों दोस्त बने, क्योंकि उन दोनों के जाननेवाले कई और दोस्त भी उनके बीच मौजूद थे। धनंजय और अमित के बीच लगातार बातचीत चलती आ रही थी।
पिछले 10 महीने से अमित जब पूर्णिया छोड़कर रामगढ़ आया, तो वह लगातार धनंजय को पार्टनरशिप में काम करने का प्रलोभन देता आ रहा था। इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में ठेकेदारी कर रहे धनंजय कुमार सिंह को अमित ने रामगढ़ में भी टेंडर डलवाने के लिए ही बुलाया था। इस मामले का खुलासा धनंजय कुमार सिंह ने खुद पुलिस के समक्ष किया है।
धनंजय ने बताया कि रामगढ़ में एक टेंडर डालने के लिए ही शनिवार को उन्हें बुलाया गया था। वह शनिवार को पूर्णिया से भानु बस से यात्रा कर रामगढ़ पहुंचे थे। जब सुबह में पहुंचे तब तक अमित ने उनके साथ बहुत ही मित्रवत व्यवहार किया। लेकिन जब सारी प्रक्रिया को उसने समझा तो उसके बाद उसका असली चेहरा सामने आया। अमित ने धनंजय को स्पष्ट किया कि वह टेंडर डालने के लिए नहीं बल्कि फिरौती वसूलने के लिए उसे इस जाल में फंसा चुका है। अमित ने जब धनंजय की कनपटी पर पिस्टल रख दिया, तब उनके होश फाख्ता हो गए।
अमित ने सबसे पहले धनंजय का मोबाइल छीना और फोन पे का पासवर्ड मांगा। हथियार के दम पर ही फोन पे का पासवर्ड लिया और 50 हजार रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया। यहां तक की बैग में रखे गए लगभग 10000 नगद भी उन लोगों ने लूट लिए।
अमित और उसके साथी रवीश मुंडा ने ब्लैक स्कॉर्पियो (जेएच 01 एफ डब्ल्यू 4543) पर बिठाकर ठेकेदार धनंजय कुमार सिंह का अपहरण किया था बस स्टैंड से यही ब्लैक स्कॉर्पियो से वे बाजारटांड़ तक पहुंचे थे। जिस वक्त पुलिस ने वहां छापेमारी की वह स्कॉर्पियो गाड़ी वहीं खड़ी थी।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान अमित के पास से एक पिस्तौल और नशीला इंजेक्शन बरामद किया है। नशे का इंजेक्शन अमित खुद लेता था। जो रिवाल्वर पुलिस ने जब्त की है, उसी के बल पर धनंजय कुमार से फिरौती मांगी जा रही थी।