कोडरमा। राष्ट्रीय फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के तहत जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों कोडरमा, जयनगर, मरकच्चो व सतगावां जिनका माइक्रोफाइलेरियम रेट एक से अधिक पाया गया है, वैसे जगहों पर 10 से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसे लेकर शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति के सौजन्य से समाहरणालय परिसर में राष्ट्रीय फाइलेरिया विलापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। वहीं डीसी मेघा भारद्वाज, एसडीओ रिया सिंह एवं सीएस डाॅ. अनिल कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उपायुक्त मेघा भारद्वाज, डीडीसी ऋतुराज, एसडीओ रिया सिंह और सीएस डाॅ. अनिल कुमार ने एल्बेंडाजोल और डीईसी टेबलेट खाकर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलायी जाने वाली दवा का सेवन जरूर करें। यह दवा 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं खाना है। साथ ही दवा खाली पेट नहीं खानी है। एम.डी.ए. की यह दवा बिलकुल सुरक्षित है तथा इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। हम सब मिलकर फाइलेरिया विलोपन के उद्देश्य से कार्यक्रम के दौरान एम.डी.ए की दवा खाएं और कोडरमा को फाइलेरिया मुक्त जिला बनाएं।
वहीं सीएस डाॅ. अनिल कुमार ने फाइलेरिया-मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित बीमारी है, जो संक्रमित मादा क्युलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। हाथी पांच एवं हाइड्रोसील इसके प्रमुख लक्षण हैं। संक्रमण होने के 6-7 वर्षों के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। वहीं उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक भयंकर संक्रामक बीमारी है किन्तु कुछ सावधानी बरतने से इससे बचाव किया जा सकता है। मौके पर डीएसडब्लओ शिप्रा सिन्हा, डीडब्लूओ नीली सरोज कुजुर, डीएसओ अविनाश पुरेंदु, डीटीओ विजय कुमार सोनी व डीएस डाॅ. रंजीत कुमार, डीएमओ डाॅ. मनोज कुमार, डीआरसीएचओ डाॅ. कुलदीप कुमार आदि मौजूद थे।