हमीरपुर: संचारी रोग नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इस अभियान में कुल 1105 टीमें लगाई जाएंगी, जो घर-घर जाकर पांच प्रकार की बीमारियों से ग्रसित मरीजों की लाइन लिस्टिंग करेंगी। रोगों से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार पर भी जोर रहेगा। संभावित टीबी, बुखार रोगियों के अलावा कुपोषण से ग्रसित बच्चों की भी सूची बनाई जाएगी, ताकि इन्हें उपचारित किया जा सके। गतवर्षों में डेंगू ग्रसित इलाकों में विशेष निगरानी के साथ ही मच्छरों के प्रजनन वाले स्थानों को चिन्हित किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम अवतार सिंह ने बताया कि दो चरणों में एक से 30 अप्रैल तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण और 17 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा। विभाग ने इन दोनों अभियानों की पूरी तैयारी कर ली है। अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित कुल ग्यारह विभाग सहयोग करेंगे। अभियान के दौरान आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रत्येक घर पर टीबी के संभावित रोगियों की जानकारी लेंगी। लक्षण वाले किसी व्यक्ति के मिलने पर उसका नाम, पता एवं मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण एक लाइन लिस्टिंग फॉर्मेट में अंकित कर क्षेत्रीय एएनएम के माध्यम से ब्लाक मुख्यालय पर उपलब्ध कराएंगी। साथ ही बुखार, आईएलआई (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों व कुपोषित बच्चों की सूची बनाएंगी। क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची भी बनेगी, जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो।
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि अभियान में कुल 1105 टीमें और 215 सुपरवाइजर लगाए जाएंगे। डेंगू प्रभावित इलाकों में नगर निकाय, ग्राम पंचायत और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम अभियान चलाएगी। पशुपालन विभाग के माध्यम से सूकर पालकों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में जनपद में 252 और 2022 में 135 डेंगू के केस मिले थे। मलेरिया के मरीज इक्का-दुक्का थे।
पूर्व में चले अभियानों के दौरान मुख्यालय के रमेड़ी, गौरा देवी, सुमेरपुर ब्लाक का मवईजार, खडे़हीजार, वार्ड नं.16 व 17, मुस्करा ब्लाक का गांव उमरी, राठ नगर के सिंकदरपुरा, पठानपुरा मोहल्ले, मौदहा ब्लाक का बड़ालेवा, मदारपुर, अरतरा गांव और मराठीपुरा मोहल्ला, सरीला का लोदीपुर, कुरारा ब्लाक का पतारा, कुसमरा और वार्ड नं.दो में डेंगू के केस बढ़े हैं। जिसके चलते इन इलाकों की सूची नगर विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज को भी उपलब्ध कराई गई है ताकि इन इलाकों में वेक्टर नियंत्रण गतिविधियां शुरू कराई जा सकें।
जनता निभाए यह जिम्मेदारी
- अभियान के दौरान टीमें जब घर-घर सर्वे को पहुंचे तो उनसे खुलकर वार्ता करें और घर में यदि कोई भी मरीज है तो उसका विवरण दें।
- कुपोषित बच्चों की जानकारी भी टीम से साझा करें ताकि ऐसे बच्चों को समय से उपचारित करके स्वस्थ किया जा सके।
- घरों के अंदर पानी का जमाव न होने दें। टीम को घर का सर्वे भी कराएं ताकि अनुपयोगी पानी जहां मच्छरों का लार्वा हो सकता है, उसे हटाया जा सके।
- सूकर पालक और मुर्गी पालक अपने फार्मों को बस्ती से दूर बनाएं। मवेशियों में अगर बीमारी की संभावना दिखती है तो तत्काल पशु चिकित्सकों से संपर्क करें।
- घरों सहित पड़ोस में साफ-सफाई का ध्यान रखें। कूड़ा इधर-उधर न फेंके। शहरी क्षेत्रों में कूड़ा कलेक्शन करने वालों को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग दें।