शिकारीपाड़ा। जहां एक और कोल कंपनियां शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में प्रस्तावित एवं आवंटित कोल ब्लॉक में कोयले का उत्खनन करने के लिए कोशिश में लगी हुई है। वहीं ग्रामीण एवं जमीन के रैयत लगता है कि ठान चुके हैं कि अपनी जमीन को कंपनियों को नहीं देना है। बताते चलें कि शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के शहरपुर जमरूपानी कोल ब्लॉक उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड लिमिटेड को आवंटित है। इसके अलावा भी संथाल परगना प्रमंडल के दुमका जिला में लगभग 11 कोल ब्लॉक आवंटित है। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण कोयला खदान अस्तित्व में नहीं आ पा रहे हैं। हालांकि कंपनी एवं प्रशासनिक पदाधिकारी अपने स्तर पर ग्रामीणों एवं रैयतों को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं। इसी संदर्भ में आज बुधवार को शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के ढोलकट्टा एवं पातपहाड़ी गांव में प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम पहुंची।
एसडीएम कौशल कुमार, सदर एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, सीओ, शिकारीपाड़ा राजू कमल, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी उमेश राम समेत प्रशासनिक पदाधिकारी एवं पुलिस बल के जवान शामिल थे। टीम के पहुंचने पर ग्रामीण एकजुट होकर प्रशासन और कोल ब्लॉक के विरोध में नारेबाजी करने लगे और टीम के पदाधिकारियों से कोई बातचीत नहीं हो पाई। जानकारी के अनुसार विगत कुछ दिनों से प्रशासनिक टीम के द्वारा कोल ब्लॉक क्षेत्र में पड़ने वाले गांव में ग्रामीणों एवं रैयतों को आवंटित कोल ब्लॉक के लिए जमीन देने के लिए राजी करने के लिए कोशिश की जा रही थी। मंगलवार को भी सरसडंगाल पंचायत के मकड़ा पहाड़ी गांव में अंचल शिकारीपाड़ा के कर्मचारी पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया था। यहां यह बताते चलें कि जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में आवंटित कोल ब्लॉकों का ग्रामीण एवं रैयत शुरू से ही विरोध करते आ रहे हैं। ग्रामीणों एवं रैयतों के रुख को देखकर लगता है कि शिकारीपाड़ा प्रखंड में कोल ब्लॉक का चालू होना टेढ़ी खीर है।