रांची। झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रांची में आठ कोरोना संक्रमित हैं। इसके मद्देनजर राज्य के विभिन्न अस्पतालों में शनिवार को मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू बेड, मैन पावर समेत जरूरी दवाओं के स्टॉक का जायजा लिया गया।
रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में मॉक ड्रिल में एक डमी कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी मिलते ही उसे एंबुलेंस में अस्पताल लाकर इमरजेंसी में भर्ती कराने, जांच करने और तत्काल इलाज शुरू करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को परखा गया। इस दौरान पीएसएम मशीन और वेंटिलेटर को भी स्टार्ट किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपात स्थिति में कोरोना से निपटने के लिए हमारी व्यवस्था कितनी तैयार है।
झारखंड में भी छह जिलों में कोरोना के एक्टिव केस मिले हैं, जिसमें सबसे अधिक 11 कोरोना संक्रमित जमशेदपुर में, देवघर में दो, धनबाद में एक, रामगढ़ में एक, पश्चिमी सिंहभूम में एक और रांची में आठ नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं।
सदर अस्पताल में हवा से ऑक्सीजन तैयार करने वाली दो पीएसए यूनिट (800 लीटर प्रति मिनट क्षमता) के अलावा एक पीएसए प्लांट (100 लीटर प्रति मिनट क्षमता) और 20 हजार लीटर की क्षमता वाला लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लगाया जा चुका है। नोडल अधिकारी मॉक ड्रिल डॉ शशिभूषण खलखो ने बताया कि केरल, महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है। एमडी एनएचएम से मिले निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल लाने, स्क्रीनिंग और वार्ड में भर्ती कर इलाज की व्यवस्था का मॉक ड्रिल किया गया है।
सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ खेतान ने बताया कि समय रहते व्यवस्था का आकलन कर लेने से संक्रमित मरीजों के इलाज में राहत होगी। मॉक ड्रिल के दौरान कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर हर एक पहलू पर ध्यान दिया गया है। रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार शनिवार को सदर अस्पताल रांची में कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल की गई। इस तरह की मॉकड्रिल बेहद फायदेमंद होगी।
रांची के प्रख्यात इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ एके झा ने बताया कि कोरोना का खतरा उन लोगों में ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है, जो फेफड़े या किसी अन्य बीमारी से पहले से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि वैसे लोग जिन्होंने वैक्सीन का डोज कंप्लीट नहीं किया है उनको भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है। हालांकि, हार्ड इम्युनिटी की वजह से राज्य में बड़ी आबादी में एंटीबॉडी तैयार है लेकिन मॉक ड्रिल के साथ-साथ वैक्सीनेशन, मास्क का इस्तेमाल, दो गज की दूरी और सर्दी-खांसी के साथ बुखार होने पर कोरोना जांच कराना आज भी जरूरी है।