धनबाद। झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से कोयला नगर स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के सामुदायिक भवन में एक दिवसीय भू अधिग्रहण, राजस्व संग्रहण, पुनर्वास से संबंधित मुकदमों के निपटारे के लिए शनिवार को विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया।
विभिन्न तरह के विवादों का ऑन द स्पॉट निस्तारण कर एक अरब 66 करोड़ 34 लाख 63 हजार रुपए की परिसंपत्तियों व नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया। वहीं एक लाख 63 हजार 441 विवादों का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया गया। इसके बाद नालसा का थीम सोंग हुआ। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा द्वारा स्वागत भाषण किया गया।
मौके पर न्यायाधीश आनंद सेन ने संबोधित करते हुए कहा कि भू अधिग्रहण से संबंधित विवाद के मामले ज्यादा बढ़ते जाते हैं। इसलिए जल्द से जल्द उन्हें पुनर्वासित करने तथा उसे समुचित मुआवजा दिलाना हम लोगों का सामाजिक दायित्व और कर्तव्य है।
विशेष लोक अदालत में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि मुआवजा का अर्थ केवल यह नहीं कि उन्हें रुपए का भुगतान कर दिया जाए बल्कि मुआवजा का अर्थ यह भी है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत उनके परिवार के जीवन यापन और उन्हें रहने के लिए छत की व्यवस्था करना है। न्यायाधीश श्री नारायण ने उपायुक्त माधवी मिश्रा एवं बीसीसीएल के सीएमडी से अनुरोध किया कि वे मुआवजा संबंधित विवादों का निस्तारण तीस दोनों के अंदर करें, ताकि लोगों को उसका समुचित लाभ मिल सके।
वहीं छह माह पूर्व टुंडी के एक युवक की मौत हाथी द्वारा कुचल देने के कारण हो गई थी। मृतक की पत्नी रेशोमुनी को वन विभाग से चार लाख रुपए मुआवजा का भुगतान कराया गया।
वही बिजली के पोल में गाय के सट जाने और उसकी मौत हो जाने के मामले में गाय के मालिक मंटू यादव एवं अरविंद कुमार को बिजली विभाग से तीस – तीस हजार रुपए मुआवजा का भुगतान कराया गया।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के मामले में राजबल मुर्मू को 2 करोड़ 9 लाख 42 हजार 211 रूपए, जीतन मांझी को 5 लाख 54 हजार 843 रूपए तथा जिला प्रशासन द्वार अजय कुमार महतो को 2 लाख 51 हजार 547 रूपए, अर्जुन रवानी को 15 लाख 14 हजार 438 रूपए का भुगतान किया गया।
विशेष लोक अदालत में न्यायाधीश द्वारा कुल 44 लोगों को ऑन स्पॉट नियुक्ति पत्र सौंपा गया। वहीं बीसीसीएल द्वारा 40 लोगों की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर की गई। टाटा द्वारा दो एवं रेलवे के द्वारा दो लोगों को नियुक्ति दी गई।