खूंटी। तोरपा प्रखंड के प्रमुख रोहित सुरीन और उप प्रमुख संतोष कर ने गुरुवार को तोरपा रेफरल अस्पताल में बन रहे 50 बेड वाले आधुनिक अस्पताल और प्रखंड परिसर में बन रहे स्टाफ क्वार्टर का निरीक्षण किया। निर्माणाधीन अस्पताल भवन का निरीक्षण करते हुए प्रमुख और उप प्रमुख ने कहा कि संवेदक बाल श्रमिकों से काम करा रहा है। दोनों जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल भवन के निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती जा रही है और प्राक्कलन के अनुसार ठेकेंदार द्वारा काम नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंश्चिम बंगाल और अन्य जगहों से ठेकेदार नाबालिग लड़कों को लाकर कम मजदूरी में काम कराता है। प्रमुख ने आरोप लगाया कि जब प्रमुख और उप प्रमुख अस्पताल भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे, तो ठकेदार कें मुशी अजय कुमार यादव ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मुंशी ने इस बात से साफ इनकार किया कि बाल मजदूरों से काम कराया जा रहा है। वहां के लड़कों से पूछे जाने पर लड़कों ने बताया कि वे घूमने आये हैं। उप प्रमुख ने कहा कि इसके पहले भी जब विधायक कोचे मुंडा ने निर्माण कार्य की जांच की थी,, उस समय भी उन्होंने नाबालिग लड़कों से मजदूरी कराने के संबंध में पूछा था, उस समय भी मुंशी ने कहा था कि वे मजदूरी करने नहीं, बल्कि घामने आये हैं। छह महीने के बाद भी वे बच्चे काम करते हुए पाए गए और उस समय भी मुंशी ने कहा था कि बच्चे घूमने आए हैं।
उप प्रमुख संतोष कर ने कहा कि तोरपा और आसपास के गांवों के लोग रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं और अस्पताल निर्माण की कार्यारी ऐजेंसी शंकर इंटरप्राइजेज पश्चिम बंगाल और अन्य स्थानों से मजूदर लाकर काम करा रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के निर्माण कार्य में एक भी स्थानीय मजदूर या राजमिस्त्री को काम पर नहीं लगाया गया है।
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