नई दिल्ली: 2 अप्रैल को आज से ठीक 11 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम के चाहने वालों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई सड़कों पर निकलकर जश्न बना रहे थे। पूरे भारत में सिर्फ पटाखों की आवाज सुनाई दे रही थी। अब सवाल है कि यह जश्न और खुशी का माहौल पूरे देश में क्यों था? इसकी वजह थी भारत का 28 साल के लंबे समय के बाद विश्वकप जीतना। जी हां, भारतीय क्रिकेट टीम ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद वनडे वर्ल्डकप अपने नाम किया था। तो आइये ऐसे में जानते हैं कि फाइनल मैच में क्या-क्या घटा था।
श्रीलंका ने टॉस जीतकर चुनी थी बल्लेबाजी
श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्तान कुमार संगाकारा ने भारत के खिलाफ फाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। महिला जयवर्धने के शतक (103*) के चलते श्रीलंका 6 विकेट के नुकसान पर 276 रन बोर्ड पर लगाने में सफल रही थी। भारत को वर्ल्डकप अपने नाम करने के लिए 277 रन की जरूरत थी।
धोनी ने खेली मैच विनिंग पारी
अनुभवी बल्लेबाज गंभीर और कोहली ने मिलकर भारतीय पारी को ट्रैक पर लाने का काम किया था। दोनों के बीच 83 रन की अच्छी साझेदारी हुई। हालांकि विराट 35 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद क्रीज पर आए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, जिन्होनें अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी उस मैच में खेली। माही ने फाइनल में नाबाद 91 रन बनाए। हालांकि गंभीर ने भी 97 रन बनाकर पूरी तरह से श्रीलंका के मुंह से मैच निकाल लिया था। बहरहाल, भारतीय पारी के 48वें ओवर की दूसरी गेंद पर धोनी ने गगनचुंबी छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। टीम इंडिया ने इस तरह फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से मात दी थी।