कोडरमा। आज पूरा देश आजादी का महोत्सव बड़े ही उमंग, उत्साह और हर्षेल्लास के साथ मना रहा है। इस मौके पर देश के हर राज्य, जिले, ब्लॉक से लेकर पंचायतों में से जश्न की तस्वीरें समाने आ रही हैं, लेकिन झारखंड के कोडरमा से जो तस्वीर सामने आई है वह देश के लिए बेहद अपमानजनक है। यहां प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उल्टा तिरंगा (झंडा) फहराने का मामला सामने आया है। इससे संबंधित फोटो और वीडियो वायरल भी किया जा रहा है। बताया गया कि यहां डोमचांच के जाने-माने प्रखंड प्रमुख सह भाजपा नेता सत्यनारायण यादव ने झंडा फहराया जो उल्टा था।
इस मौके पर बीडीओ भोला पांडेय, सीओ रविन्द्र पांडेय, थाना प्रभारी प्रेम कुमार समेत कार्यालय के कई कर्मचारी उपस्थित थे। इनके अलावा कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। पूरे राष्ट्रगान के दौरान झंडा उल्टा लहराता रहा। ज्ञात होने पर आनन-फानन में फिर झंडे को सीधा किया गया। उल्लेखनीय हो कि जहां से पूरा प्रखण्ड संचालित किया जाता है, वहीं यदि इस तरह की मानवीय भूल होती है तो इसका असर समाज पर पड़ता है। यह कोई साधारण सी बात नहीं, तिरंगे का अपमान मतलब देश का अपमान।
उल्टा झंडा फहराने पर क्या होता है
अगर आप उल्टा, कटा-फटा या मैला-कुचैला झंडा फहराते पाए जाते हैं, तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा-2 में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान किए गए हैं, जिनके मुताबिक 3 साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों सजाएं साथ हो सकती हैं।
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ऐसे समाजसेवी लोग हमारे समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनको यह भी ज्ञान नहीं है की अपना राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा कैसे फहराना चाहिए अगर इन लोगों की जगह मैं खुद होता तो पद को त्याग कर अपने किए गए गलती का प्रायश्चित करता