जमशेदपुर। मानगो थाना क्षेत्र के चटाई कॉलोनी शांतिनगर में अपराधियों ने सोमवार देर रात एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल से तीन खोखे बरामद किए हैं और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कर्रवाई कर रही है।
मृतक की पहचान शक्तिनाथ सिंह के रूप में हुई है, जो कुख्यात अपराधी अमरनाथ का भाई था। जिसकी हत्या देवघर में हुई थी। अब अपराधियों ने शक्तिनाथ को निशाना बनाया था। घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार तीन अपराधी मौके से फरार होने में सफल रहे। वहीं गोली लगने के बाद शक्तिनाथ की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। गोली चलने की अवाज सुनते ही आस-पास में दहशत को माहौल बन गया, जिसके बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गयी।
सूचना मिलने के बाद मानगो थाना की पुलिस और सिटी एसपी घटनास्थल पहुंचे और छानबीन मे जुट गए, जहां उन्हें तीन खोखे मिले हैं। पुलिस मामले की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। वहीं एसएसपी किशोर कौशल ने मंगलवार काे बताया कि कुछ नाम सामने आए हैं और पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शक्तिनाथ सिंह आदित्यपुर स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत था।सोमवार को वह अपनी बोलेरो Car (जेएच05सीई-0138) से ड्यूटी करने के बाद अपने घर की ओर लौट रहा था।उसी दौरान घर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर पहले दो युवकों ने शक्तिनाथ की कार को रोका। उसके बाद उसने दोनों युवकों ने बात करना शुरू कर दिया।इतने ही देर में छह- सात की संख्या में युवक मौके पर आ गये।उसके बाद शक्तिनाथ से अमरनाथ की जमीन और उसके दुकान को लेकर विवाद हो गया।इसी दौरान सभी अपराधियों ने अचानक से शक्तिनाथ की गाड़ी पर हमला कर दिया।
जब शक्तिनाथ ने उसका विरोध करना शुरू किया तो अपराधियों ने उसके उसके कानपट्टी के पास गोली मार दी।उसके बाद वह कार से बाहर निकल कर भागने का प्रयास भी किया। लेकिन अपराधियों ने उसके पीठ पर भी गोली मारी। इसके बाद सभी अपराधी मौके से फरार हो गये। ताबड़तोड़ गोली चलने के बाद जब आस पास के लोग जुटे तो शक्तिनाथ की हत्या के बारे में जानकारी मिली।
जमशेदपुर में पहले भी हुई फायरिंग
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जमशेदपुर के अंदर गोलीकांड की कई वारदातें सामने आ चुकी हैं। करीब 5 महीने पहले 6 अप्रैल को भी फायरिंग की एक घटना सामने आई थी।वह मामला मुखबिरी से जुड़ा हुआ था।दरअसल, आरपीएफ ने मोहम्मद अफजल के घर पर छापेमारी की थी।आरपीएफ को शक था कि मालगाड़ी से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का जो चावल आता है, उसे कुछ लोग जुगसलाई में उतार लेते हैं। इस मामले में अफजल को शक था कि सरफराज नाम के युवक ने उसकी मुखबिरी की है।अफजल और उसके साथियों ने सरफराज को एक घर में बंद कर दिया था, जिसके बाद सरफराज के छोटे भाई हसन ने वहां पहुंचकर अफजल को गोली मार दी थी।
लिफ्ट ना देने पर मारी थी गोली
गोलीबारी का एक मामला 20 अप्रैल को भी सामने आया था।तब एक समारोह से एक दंपति अपनी स्कूटी पर लौट रहे थे।दो लड़कों ने उन्हें रोककर लिफ्ट मांगी। दंपति के इनकार करने पर बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी थी।अपराधियों ने तीन राउंड गोली चलाई थी, जिसमें से एक गोली पीड़ित कंधे और दूसरी पैर में लगी थी।