शिमला। राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण के मामले में बुधवार को हिन्दू समाज के लोगों का भारी आक्रोश नजर आया। संजौली में धारा 163 लागू होने के बावजूद हिंदू संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इससे यहां माहौल तनावपूर्ण हो गया। प्रदर्शनकारियों ने संजौली से सटे ढली टनल में पुलिस द्वारा की गई बेरिकेडिंग तोड़ दी और वे विवादित मस्जिद स्थल की ओर बढ़ रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज भी की। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में एक पुलिस जवान घायल हुआ है।
मस्जिद स्थल के आसपास पहुंच रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस भरकस कोशिश कर रही है। इसके लिए पानी की बौछारें छोड़ीं। प्रदर्शनकारियों के जुटने से संजौली क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। ड्रोन कैमरों के जरिये प्रदर्शनकारियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने विवादित मस्जिद स्थल को पूरी तरह सील कर दिया है। संजौली में तनाव को देखते हुए कारोबारियों ने संजौली बाजार में दुकानें बंद कर दी हैं। आज सुबह 11 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने संजौली पहुंचकर भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगाए। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया था।
अपने समर्थकों संग संजौली पहुंचे हिंदू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कमल गौतम ने कहा कि हिंदू समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके समर्थन में संजौली पहुंचा हूं और हिंदूओं की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। सिविल सोसायटी के बैनर तले कुछ लोग संजौली पहुंचकर नारेबाजी करने लगे लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
क्या है मस्जिदों को लेकर विवाद?
प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को गिराने की मांग की। उनका कहना है कि मस्जिद का निर्माण अवैध है और वहां गैरकानूनी अप्रवासी रहते हैं। लोगों का गुस्सा देखते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अगर ये इमारत अवैध पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अप्रवासियों की मौजूदगी हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए चिंता का विषय है।
क्या है पूरा मामला?
शिमला में स्थित संजौली मस्जिद को लेकर हिंदू संगठन के लोग पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि इस प्रदर्शन की शुरुआत एक लड़ाई से हुई थी। जहां शिमला के मल्याणा इलाके में विक्रम सिंह नामक 37 साल के युवक के साथ करीब 6 लोगों ने मारपीट की थी। जिसके बाद वो गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मारपीट को लेकर विक्रम ने थाने में केस दर्ज कराया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए।
इस बात की जानकारी जब हिंदू संगठनों को हुई तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इस मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग उठाई। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों का ये प्रदर्शन आक्रोश में बदल गया। वहीं, बता दें कि जिन लोगों ने विक्रम सिंह के साथ मारपीट की उन सभी पर पुलिस ने कारवाई करते हुए, उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। आरोपियों की लिस्ट में दो नाबालिग समेत गुलनवाज (32 साल), सारिक (20 साल), सैफ अली (23 साल), रोहित ( 23 साल) नाम के शख्स शामिल हैं।