लद्दाख। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के लेह पहुंचने पर लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने उनका स्वागत किया। लद्दाख की पहली यात्रा पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरे में राष्ट्रपति मुर्मु दुनिया के सबसे ऊंचे व ठंडे स्थान सियाचिन ग्लेशियर भी जाएंगी और वहां तैनात जवानों से मिल कर उनका हौसला बढ़ाएंगी।
ऐतिहासिक यात्रा
राष्ट्रपति मुर्मू भारत की तीसरी राष्ट्रपति हैं, जो सियाचिन का दौरा करेंगी। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविन्द इस महत्वपूर्ण स्थान का दौरा कर चुके हैं। एपीजे कलाम ने अप्रैल 2004 में और राम नाथ कोविन्द ने मई 2018 में सियाचिन का दौरा किया था।
सियाचिन का महत्व
सियाचिन बेस कैंप, काराकोरम पर्वत शृंखला में 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह क्षेत्र भारतीय सेना के लिए रणनीतिक महत्व रखता है, और यहां 13 अप्रैल, 1984 को ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत भारतीय सेना ने नियंत्रण हासिल किया था। राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा देश के सुरक्षाबलों के प्रति उनकी निष्ठा और समर्थन को दर्शाता है।