तेल अवीव। हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के खात्मे और लगातार हवाई हमलों के बाद इजरायली सेना ने लेबनान में घुस कर जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को इजरायली सेना की तरफ से कहा गया है कि उसके सैनिकों ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों और बुनियादी ढांचों के खिलाफ सीमित और लक्षित जमीनी हमला शुरू किया है। वह सीमा से सटी हिज्बुल्लाह की सुरंगों में घुसकर तलाशी ले रही है। इजरायली सेना के रडार पर इजरायल को लेबनान से अलग करने वाली ब्लू लाइन के पास हिज्बुल्लाह की सुरंगे हैं।
इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने सोशल मीडिया एक्स पर साझा पोस्ट में बताया है कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सीमित और टारगेटेड ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किए हैं। लेबनान की सीमा से सटे गांवों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि यहां हिज्बुल्लाह के कई ठिकाने हैं जो खतरा बने हुए हैं। इजरायली वायुसेना इस ग्राउंड ऑपरेशन में मदद कर रही है।
इजराइल के हमलों में पिछले 10 दिनों में नसरल्लाह और उसके छह शीर्ष कमांडर व सहयोगी मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में देश में 1000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इजराइली सेना के अनुसार, उन्होंने लेबनान के बड़े हिस्सों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया है।
हालिया दिनों में हिज्बुल्लाह को भारी नुकसान हुआ है लेकिन उसके कार्यकारी नेतृत्वकर्ता नईम कासेम ने बयान जारी कर कहा कि यदि इजराइल जमीनी हमला शुरू करने का फैसला करता है तो हिज्बुल्लाह के लड़ाके तैयार हैं। नईम ने दावा किया है कि मारे गए कमांडरों की जगह पहले ही ले ली गई है। नईम लंबे समय तक नसरल्लाह का डिप्टी रहा है और उसके मारे जाने के बाद तात्कालिक तौर पर संगठन संभाल रहा है।
ईरान के युद्ध में सीधे तौर पर शामिल होने का खतरा
इससे पहले अमेरिका ने लेबनान में इजराइल के जमीनी हमलों की आशंका जताई थी। लेकिन, उसने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को बड़े जमीनी हमले नहीं करने की सलाह दी थी। इस मसले से जुड़े एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि लेबनान में बड़े पैमाने पर इजराइल के जमीनी हमलों से इस लड़ाई में ईरान के सीधे तौर पर शामिल हो जाने का खतरा है। अमेरिकी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी।
नेतन्याहू ने इजराइल के इरादों के संकेत दिए
इस बीच, नेतन्याहू ने कहा है कि इन हमलों का मकसद रॉकेट दागने की हिजबुल्लाह की क्षमता को खत्म करना है। इन समर्थित लड़ाकों के इन हमलों की वजह से इजराइल के उत्तरी हिस्सों में हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है।