कोडरमा। झारखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीतकर आने वाले जनप्रतिनिधियों को उचित मान सम्मान और अधिकार नही मिल पा रहा है, ग्राम-पंचायत में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर जनप्रतिनिधियों के हितों की रक्षा नही हो पा रही है, योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं को निबटाने में अधिकारी, पदाधिकारी कोई दिलचस्पी नही लेते।
त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधि जनता से सीधे तौर पर जुड़े होते है, लेकिन जनता के हित में योजनाओं को लेकर प्रशासन उदासीन रहते है, जिसका खामियाजा त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भुगतना पड़ता है। उक्त बातें जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव ने कोडरमा प्रखंड सभागार में मंगलवार को त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों की प्रखंड स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कही। वहीं उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर आना होगा, अधिकारों की रक्षा के लिए एकता बनानी होगी, तभी जनप्रतिनिधियों की मांगें सरकार गंभीरता से लेगी।
वहीं जिप उपाध्यक्ष निर्मला देवी, जिप सदस्य महादेव राम, जिप प्रतिनिधि देवनारायण यादव, मुखिया संघ जिलाध्यक्ष श्यामदेव यादव, प्रखंड प्रमुख सुषमा देवी, प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष कन्हाई यादव, मुखिया सदानंद यादव, रमेश यादव, लक्ष्मण प्रसाद मंडल, पंसस आदि सदस्यों ने संबोधित करते हुए कहा कि विकास योजनाओं को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के जिला परिषद् से लेकर वार्ड सदस्य तक परेशान है। उन्हें अधिकार के मामले में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों का एकता नही होने के कारण प्रशासन और पदाधिकारी फायदा उठा लेते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर आकर संघ को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
मौके पर श्यामसुंदर दास, बासुदेव यादव, महेंद्र यादव, अनिता देवी, मोनी देवी, अशोक यादव, दिनेश यादव, अरुण साव, सुभाष यादव, महादेव दास, राजू सिंह, गणेश दास, धनेश्वर यादव, साबिर मियां, शंभु सिंह, पिंटू यादव, अशोक पासवान, सुभाष तुरी आदि मौजूद थे।