कोडरमा। थाना क्षेत्र अंतर्गत जलवाबाद में गत सितंबर माह में हुए आठ वर्षीय बालक अब्दुस समद उर्फ अलसमद को अगवा कर निर्मम हत्या के बहुचर्चित मामले में पिछले एक साल से फरार चल रहे रिजवान अहमद उर्फ सिंटू कसाई सोमवार को कोडरमा न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। ज्ञात हो की हत्यारोपी के गिरफ्तारी के लिए एसपी अनुदीप सिंह के द्वारा गठित छापेमारी कर रही थी। वहीं फरार हत्यारे सिंटू कसाई के घर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेशानुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के अंतर्गत उद्घोषण की तामिला कोडरमा पुलिस के द्वारा किया गया था। परंतु सिंटू कसाई न्यायलय में आत्मसर्पण नहीं करते हुए फरार चल रहा था।
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर 2023 को मामा की दुश्मनी में जलवाबाद निवासी रिजवान अहमद उर्फ सिंटू कसाई ने अबुबसर उर्फ राहिल और इरशाद आलम के नाबालिग पुत्र के द्वारा 8 वर्षीय बालक अलसमद का अपहरण कर गला दबा कर निर्मम हत्या कर शव को एक बंद घर में छुपा दिया था। तत्पश्चात् बच्चे का शव को तीन दिनों के उपरांत पुलिस ने बरामद किया था।
पुलिस ने कोर्ट में दी थी कुर्की-जब्ती की अर्जी
कोडरमा पुलिस ने रिजवान कसाई के घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के लिए भी कोर्ट में अर्जी दे रखी थी। तत्पश्चात् दो दिन पूर्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा कुर्की जब्ती आदेश जारी किया गया। इसके बाद ही रिजवान कसाई कोर्ट पहुंचा और वहां उसने आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि कोर्ट पहुंचने की भनक पुलिस तक को नहीं लग सकी।
सिंटू कसाई की संलिप्ता
बालक की हत्या के दिन ही रात्रि में मुख्य आरोपित के द्वारा अपने पिता रिजवान अहमद सिंटू कसाई को घटना की सारी जानकारी देते हुए वाट्सअप पर अफवाह फैलाने के उद्देश्य से झूठा बच्चा चोरी का अफवाह फैलाते हुए विडियो भेजा था। साथ ही सिंटू कसाई ने अपने कुछ करीबियों के मदद से स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस को बच्चा चोरी का अफवाह फैलाकर दिग्भ्रमित कर दिया था। पुलिस जांच में यह मामला सत्य पाया गया।
हत्या के कारण
कोडरमा थाने में पुलिस के समक्ष और चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में अभियुक्तों ने हत्या की बात स्वीकारते हुए कहा कि कुछ माह पहले उनके घर के समीप एक मदरसे में करीब एक लाख तीस हजार रुपए की चोरी की थी, जिसके उद्भेदन में मृतक बालक अलसमद के मामा ने अहम भूमिका निभाई थी। चोरी के पैसे उसने लौटा दिए पर परिवार की बदनामी हुई थी। इसी को बदले की भावना से उसने इनके भांजे अलसमद की हत्या की थी। जिसमें सिंटू कसाई शव को छिपाने और बच्चा चोरी की झूठी अफवाह फैलाई थी। बहरहाल घटना के बाद से ही अभियुक्त रिजवान अहमद उर्फ सिंटू कसाई फरार चल रहा था।
गूगल और यूट्यूब की सर्च हिस्ट्री ने खोले कई राज
गिरफ्तार अभियुक्तों से टेक्निकल सेल ने जब अबूबसर उर्फ राहिल के पास से जब्त मोबाइल की गूगल और यूट्यूब की सर्च हिस्ट्री खंगाली तो अभियुक्तों की मंशा स्पष्ट हुई। मासूम बच्चे की हत्या करने के कुछ दिन पहले ही राहिल और जुनैद ने यूट्यूब पर खूनी तस्वीर, किडनैपिंग सीआईडी, मनी गन, हाउ टू ब्लाॅक वाइस, किसी को मैसेज करें और अपना नंबर न आए, किसी को फेक नंबर से काॅल कैसे करें, वाई टू सेकेंड सिम नाट सेविंग नेटवर्क, हत्या कर साक्ष्य कैसे छुपाएं जैसे सर्च किए थे।
वहीं कांड के अभियुक्त और उसके पिता रिजवान उर्फ सिंटू कसाई के जब्त मोबाइल में एक दर्जन के करीब ईमेल एकाउंट भी मिले हैं, जो फर्जी नामों के बने हैं और पिता पुत्र में घटना के दिन से शव मिलने तक कई बार बात हुई, जबकि दोनों का लोकेशन एक ही जगह है। पुलिस डायरी में मिले कई साक्ष्य पुलिस के द्वार अभियुक्तों से पूछताछ में सारे राज उगल दिए। सर्च हिस्ट्री में मर्डर से कुछ दिन पहले उसकी सुनियोजित तैयारी का पता चला। पुलिस ने इसे अपने केस डायरी में साक्ष्य के तौर पर न्यायलय में प्रस्तुत किया है। साथ ही कहा है कि इससे इनकी हत्या की मंशा स्पष्ट होती है।