डिमा हसाओ (असम)। उमरांग्सू कोयला खदान में फंसे खनिकों की तलाश शुक्रवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन अभी तक कुछ भी परिणाम सामने नहीं आया है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों को अभियान के तीसरे दिन एक खनिक का शव मिलने के बाद कोई सफलता नहीं मिली है। हादसा स्थल पर खनिकों के परिजन आशा भरी निगाहों से बचाव अभियान को देख रहे हैं।
पांचवें दिन आज सुबह 7.45 बजे तलाशी अभियान आरंभ किया गया। खदान से पानी निकालने के लिए पंपों की संख्या बढ़ाई गई है। आयर इंडिया के साथ ही कोल इंडिया के पंप से भी खदान से पानी निकाला जा रहा है। वहीं, नौसेना सोनार सिस्टम के जरिए खदान में खनिकों का पता लगाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।
राज्य के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमावर्ती 3किलो में हुए कोयला खदान हादसे के पांचवें दिन बचाव अभियान फिर से आज सुबह आरंभ किया गया। हादसे के तीसरे दिन सुबह गोताखोरों ने एक डेड बॉडी को खदान से बाहर निकाला था। उसके बाद बचाव अभियान को कोई सफलता नहीं मिली है।
प्रथम बटालियन एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि नेवी, थल सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इलाके में हुई बरसात और प्राकृतिक कठिनाइयों के कारण स्थिति चुनौती पूर्ण बनी हुई है। एनडीआरएफ के सूत्रों ने बताया है कि 200 मीटर गहरी खदान में अभी भी 50 से 60 फीट पानी भरा हुआ है। जिसे बाहर निकलने के लिए प्रयत्न किये जा रहे हैं।
अभियान चला रहे गोताखोरों के अनुसार खदान के अंदर जितनी बार जांच की गयी है, वहां पर कुछ भी नहीं मिला है। संभवतः खनिक रैट होल के अंदर फंसे हैं। पानी कम होने के बाद खदान के अंदर उनको ढूंढा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कोयला खदान में गत सोमवार को अचानक पानी भरने के चलते अंदर काम कर रहे खनिक फंस गये। उनकी सटीक संख्या औपचारिक तौर पर सामने नहीं आई है। हालांकि, 11 लोगों के अंदर फंसे होने की बात कही जा रही है। जिसमें एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है, जो मूल रूप से पड़ोसी देश नेपाल का रहने वाला था।