दुमका। वर्तमान समय में हर हाथ में मोबाइल फोन रहता है और आए दिन मोबाइल चोरी की प्राथमिकी थाना में दर्ज होती है। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जिसका चोरी हुआ मोबाइल वापस मिल पता है। लेकिन जब किसी वीवीआईपी का मोबाइल चोरी हो जाए तो पुलिस महकमा काफी सक्रिय हो जाती है और मिलों दूर चोर को पकड़ कर मोबाइल बरामद कर लेती है।
ऐसा ही एक मामला दुमका में सामने आया है। जब कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक जनवरी को पूजा करने बासुकीनाथ पहुंचे जयपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के मोबाइल पर चोर ने हाथ साफ कर दिया था। मामला चीफ जस्टिस का था, तो पुलिस भी तत्परता दिखाते हुए बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्ला देश के बॉर्डर से अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से चीफ जस्टिस का मोबाइल सहित चोरी के कुल आठ मोबाइल फोन पुलिस बरामद करने में सफल रही।
गिरफ्तार अपराधियों में साहिबगंज जिला के तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के बाबुपुर गांव निवासी शिवदर्शन महतो, आकाश महतो और बिहार के किशनगंज जिला के किशनगंज थाना क्षेत्र के मछमारा गांव निवासी विजय महतो, पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिला के आसनसोल थाना क्षेत्र के नया क्वाटर्र कमरबाग गांव निवासी बिरजु नुनिया शामिल है।
मामले में जरमुंडी थाना प्रभारी श्यामानंद मंडल ने बताया कि एक जनवरी 2025 को बासुकीनाथ धाम मंदिर में भीड़ भाड़ का फायदा उठाकर चोरों ने राजस्थान से आए जयपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के मोबाइल सहित अन्य कई श्रद्धालुओं का मोबाइल चुरा लिया था। इस संबंध में जरमुंडी थाना में मोबाइल चोरी से संबंधित मामला दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरीय पदाधिकारीयों के निर्देश पर अनुसंधान एवं कार्रवाई के लिए छापेमारी टीम का गठन किया गया।
तकनीकी साक्ष्य से साहिबगंज जिला के तीन पहाड़ के मोबाइल चोर गैंग की संलिप्तता का पता चला। इसके आधार पर तीन पहाड़ के बाबूपुर गांव से दो मोबाइल चोर को गिरफ्त में लिया गया। इनकी निशानदेही पर बिहार, पश्चिम बंगाल एवं बंगलादेश बार्डर से अपराधियों को गिरफ्तार करते हुए चोरी का मोबाइल फाेन बरामद कर लिया गया । गिरफ्तार अपराधियों को न्यायालय में बयान दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों का आपराधिक इतिहास रहा है। सभी का साहिबगंज के तीन पहाड़ से संबंध रहा है। देवघर एवं बासुकिनाथ मंदिर सहित भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लोगों का मोबाइल गायब करने का काम करते थे। चोरी की मोबाइल को साहिबगंज के तीन पहाड़ भेजा जाता था। जहां से विभिन्न राज्यों एवं बांग्लादेश में बेचा जाता था।