नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली में 9ए, कोटला रोड स्थित पार्टी के नए मुख्यालय (इंदिरा गांधी भवन) का फीता काटकर उद्घाटन किया।
इससे पहले पार्टी का ध्वजारोहण किया गया और झंडा गीत तथा राष्ट्र गान हुआ। इस अवसर पर सोनिया गांधी और कांग्रेसाध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संयुक्त रूप से फीता काटकर औपचारिक रूप से उद्घाटन किया।
इस अवसर पर खरगे ने उपस्थित कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक क्षण है। पिछले 47 वर्षों से कांग्रेस का मुख्यालय 24, अकबर रोड में रहा है। आज मुख्यालय का उद्घाटन हमारी पार्टी के इतिहास में एक मील का पत्थर है। इंदिरा गांधी भवन के नाम से पार्टी का स्थायी दफ्तर बनना हम सबके लिए गर्व की बात है। यह भवन उसी इलाके में बना है, जहां हमारे महान नायकों ने सोचा था। 31 दिसंबर 1952 को पं. जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में यह तय हुआ था। उस दिन की आवाज थी कि इसी क्षेत्र में कांग्रेस मुख्यालय बने। नेहरू की उस ख्वाहिश को आज सोनिया गांधी ने पूरा किया। इसकी आधारशिला 28 दिसंबर 2009 को कांग्रेस के 125वें स्थापना दिवस पर सोनिया गांधी की देखरेख में रखी गई थी। इसलिए हमने उनसे उद्घाटन करने के लिए भी अनुरोध किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आजादी की लड़ाई के सबसे कठिन दौर 1920 से 1947 तक कांग्रेस का मुख्यालय इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में स्वराज भवन में था, जहां इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। इसीलिए इस नए मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन रखा गया है। कांग्रेस मुख्यालय पहले जंतर मंतर फिर राजेंद्र प्रसाद रोड और 1978 से 24 अकबर रोड पर है। कांग्रेस मुख्यालय ईंट और पत्थरों की इमारत नहीं बल्कि यह विचारों का केंद्र रहा है। यह देश के लिए ‘स्कूल आफ डेमोक्रेसी’ है। पहले कांग्रेस मुख्यालय से आजादी की लड़ाई लड़ी गई, फिर राष्ट्र निर्माण का कार्य हुआ, जिसके लिए महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे कई लोगों ने शहादत दी।
खरगे ने कहा कि 28 दिसंबर 1885 को कांग्रेस के पहले अधिवेशन से लेकर अब तक के सभी नायकों को याद और नमन किया। उन्होंने कहा कि इस साल देश के संविधान के 75 साल और गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे हो रहे हैं। अपने विचारों की ताकत पर कांग्रेस कायम है। दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायूड, सरदार पटेल, पंडित नेहरू, मौलाना आजाद, सुभाष चंद्र बोस और राजेंद्र प्रसाद आदि हमारी विरासत हैं। नेहरू की अगुवाई में किए गए प्रयासों से ही देश सबसे बड़ा लोकतंत्र बना। आंबेडकर ने दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान दिया। लाल बहादुर शास्त्री ने जय़ जवान जय किसान की थ्योरी दी। उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्वकाल के तमाम सुधारवादी कार्यक्रमों और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध का जिक्र कर कहा कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर बना यह नया कांग्रेस मुख्यालय मातृशक्ति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस मुख्यालय उनके विरुद्ध लड़ाई का केंद्र बनेगा, जो संविधान को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने संघ और भाजपा पर देश के इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देशवासियों और कांग्रेसजनों को देश का इतिहास याद रखना चाहिए। डा.आंबेडकर ने कहा था कि वो इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास को भूल जाते हैं।
इस मौैके पर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि नया मुख्यालय कोई साधारण भवन नहीं है, बल्कि यह देश की मिट्टी से निकला है। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि भारत को 1947 में स्वतंत्रता नहीं मिली, यह हर एक भारतीय का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद कर दें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे।
इस अवसर पर एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी, अजय माकन, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और सांसद, विधायक तथा कार्यकर्ता मौजूद रहे।