टोरंटो: कनाडा के मंत्री सिएन फ्रेजर ने कहा है कि सरकार जाली दाखिला पत्रों का इस्तेमाल करके वीजा हासिल करने के आरोप में देश से निष्कासित किये जाने के खतरे का सामना कर रहे भारतीय छात्रों को यह साबित करने का मौका देगी कि वे धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। कनाडा के अधिकारियों ने पाया है कि शैक्षिक संस्थानों में जमा भारतीय छात्रों के दाखिला प्रस्ताव पत्र फर्जी हैं, जिसके बाद उन्हें निर्वासन का डर सता रहा है। इनमें ज्यादातर छात्र पंजाब से हैं।यह मामला मार्च में सामने आया था, जब इन छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था। आप्रवासन, शरणार्थी एवं नागरिकता मंत्री सिएन फ्रेजर ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए जोर देकर कहा कि ‘निर्दोष छात्रों को यह साबित करने का मौका दिया जाएगा कि वे धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें “उचित उपाय प्रदान करेगी।
फ्रेजर ने कहा कि कई छात्र अनिश्चितता के चलते गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। फ्रेजर ने विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य जेनी क्वान के सवाल के जवाब में कहा, “हम उन्हें यह साबित करने का मौका देने के लिए एक प्रक्रिया तय करेंगे कि उनका इस्तेमाल किया गया है और उन्हें एक उचित उपाय प्रदान करेंगे। कनाडा से निष्कासित किये जाने का सामना कर रहे भारतीय छात्रों की वास्तविक संख्या 700 से बहुत कम है।