नयी दिल्ली।पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती का राज्य सरकार विरोध कर रही है। मंगलवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। राज्य सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को SC में चुनौती दी है। HC ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि 8 जुलाई को प्रस्तावित चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने ममता सरकार से पूछा कि आपने कहा था कि पुलिस पर्याप्त नहीं है। चूंकि आपने आधा दर्जन राज्यों से फोर्स मांगी है… अब HC ने भी इसे देखा है… खर्च तो केंद्र को वहन करना होगा… 75000 बूथ स्थापित किए जाने हैं और आपने कहा कि पुलिस फोर्स की कमी के चलते बाहर से फोर्स मंगाई। इसपर बंगाल सरकार ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि पुलिस फोर्स हैंडल करने के लिए तैयार नहीं है।जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ‘चुनाव कराना हिंसा के लिए लाइसेंस नहीं हो सकता और HC ने पहले हुईं हिंसा की घटनाओं को देखा है… चुनाव के साथ हिंसा नहीं हो सकती। अगर लोग अपने नामांकन ही नहीं दाखिल कर पा रहे हैं और उन्हें नामांकन करने जाते समय मार दिया जा रहा है तो मुक्त और निष्पक्ष चुनाव कहां रह गए?’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को भी फटकार लगाई। SC ने पूछा कि इन सबसे SEC को क्या परेशानी है? फोर्सेज कहां से आ रही हैं, इसकी चिंता करना आपका काम नहीं है।
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