रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इसी के साथ साफ हो गया कि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन 30 अगस्त को आधिकारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे. ये फैसला 26 अगस्त की देर शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद लिया गया. इस मुलाकात के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन भी मौजूद थे. मुलाकात के बाद खुद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर तस्वीर जारी कर पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक कयासों पर विराम लगा दिया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा और इंडिया गठबंधन के लिए इसे बड़ा राजनीतिक सेटबैक माना जा रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव के समय झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा में शामिल हुई थी. इसके अलावा कोल्हान की राजनीति में धाक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी भाजपा में शामिल हो गई थीं.
वैसे 26 अगस्त को ही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रांची में इस ओर इशारा कर दिया था. उन्होंने कहा था कि चंपाई सोरेन पिछले 5-6 माह से उनके संपर्क में हैं और वह व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि वो भाजपा में शामिल हो जाएं. उन्होंने कहा था कि चंपाई सोरेन के भाजपा में आने से पार्टी को ताकत मिलेगी. अब समय आ गया है कि उनको लेकर राजनीतिक बात होनी चाहिए. उनके इस स्टेटमेंट के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली में सारी रणनीति फिक्स हो गई.
30 अगस्त को रांची में चंपाई सोरेन को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी. जानकारी मिल रही है कि उसके बाद कोल्हान में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान भाजपा के कई बड़े नेताओं के उपस्थित रहने की भी संभावना है. दरअसल, मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए जाने के बाद से ही चंपाई सोरेन नाराज चल रहे थे. इसके बाद रक्षाबंधन के दिन वह दिल्ली पहुंचे थे और 20 अगस्त को सरायकेला लौटने के बाद से कोल्हान में अपने समर्थकों का मिजाज टटोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह या तो अपना संगठन खड़ा करेंगे या कोई साथी मिलेगा तो उसके साथ जुड़ जाएंगे.
चंपाई ने 21 अगस्त को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था
चंपाई सोरेन ने 21 अगस्त को अपने आवास पर नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया था. चंपाई ने कहा था, ‘हम राजनीति से संन्यास नहीं लेने जा रहे हैं. हमने जो अध्याय शुरू किया है, उसका चैप्टर बदलता रहेगा. नए संगठन को मजबूत करेंगे. रास्ते में कोई दोस्त मिला तो दोस्ती करेंगे.
जेएमएम के संस्थापक सदस्यों में से एक थे चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन दसवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान शिबू सोरेन के अलग झारखण्ड राज्य आंदोलन से जुड़ गए थे. चंपाई करीब पांच दशकों तक जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के खास रहे हैं. चंपाई सोरेन जेएमएम के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. साल 1991 में पहली बार बिहार विधान सभा उपचुनाव में सरायकेला से निर्दलीय विधायक चुने गए थे.