कैथल। किसानों का शंभू बॉर्डर से तीसरी बार से दिल्ली मार्च दोपहर 12 बजे शुरू हो गया है। शनिवार को 101 किसानों का जत्था दिल्ली रवाना हुआ तो उसे हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार कीं।
इससे पहले हरियाणा पुलिस दो बार किसानों को बॉर्डर से पीछे खदेड़ चुकी है। हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट सेवाएं 17 दिसंबर रात 12 बजे तक बंद रहेंगी। पंजाब की तरफ 10 सरकारी एंबुलेंस खड़ी कर दी गई हैं। शंभू बॉर्डर पर शनिवार को कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा तरना दल के निहंग भी वहां पहुंच गए हैं। दूसरी ओर खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल लगातार 19वें दिन आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरा देश चिंतित है।
जानकारी के मुताबिक आंसू गैस के गोले दागने से कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंसों से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
इससे पहले अंबाला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता और अंबाला के पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया ने कुछ प्रदर्शनकारी किसानों से आधे घंटे से अधिक समय तक बातचीत की और उन्हें दिल्ली से राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि, किसान दिल्ली जाने पर अड़े रहे और सुरक्षाकर्मियों से उन्हें आगे बढ़ने देने का आग्रह किया।
किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का यह तीसरा प्रयास है। इससे पहले उन्होंने छह दिसंबर और आठ दिसंबर को भी इसी तरह के दो प्रयास किए थे, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं। वे केंद्र पर अपने मुद्दों को सुलझाने के लिए उनके साथ बातचीत शुरू करने का दबाव बना रहे हैं।
अंबाला जिला प्रशासन ने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत पांच या अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर रोक होती है।
अंबाला पुलिस ने पहले कहा था कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही दिल्ली की ओर मार्च कर सकते हैं।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने अंबाला के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजे जाने संबंधी सेवाओं को 17 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था।ं