नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने और अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सोमवार को विपक्ष एकजुट नजर आया।
आज सुबह संसद सत्र में हिस्सा लेने से पहले विपक्षी सांसद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन परिसर में स्थित दफ्तर में एकत्र हुए। इस दौरान अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर सहमति बनाई।
सत्र की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने जेपीसी का मुद्दा उठाते हुए शोर-शराबा शुरु कर दिया। जिसके चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दी गई। बाद में संसद भवन परिसर से संयुक्त विपक्ष ने विजय चौक तक मार्च निकाला।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह सभी पार्टियों के नेताओं का शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने कल कमजोर होते लोकतंत्र और राहुल गांधी को डिसक्वालीफाई किए जाने के विरोध में कांग्रेस का समर्थन किया।
खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। पहले स्वायत्त निकायों का खात्मा किया फिर चुनाव जीतने वालों को डराकर सरकार बना ली। जो नहीं झुके उनपर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से राहुल गांधी ने अडानी मुद्दे पर सवाल पूछ लिया तो उनको संसद से बेदखल कर दिया गया।
खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी ने कोलार शहर में जो भाषण दिया, उसका मामला सूरत में दर्ज किया गया। ऐसा इसलिए किया क्योंकि भाजपा को अनुकूल सरकार चाहिए थी ताकि आप पुलिस-प्रशासन का इस्तेमाल कर राहुल को संसद में बोलने से रोक सकें।
उल्लेखनीय है कि भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के सदस्यों ने भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने आईवाईसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. वी. श्रीनिवास सहित अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
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