लोकसभा के बाद राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा की शुरुआत आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के ऊपर जबरदस्त हमला बोलकर की. राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 घंटे 19 मिनट की स्पीच दी। वित्त मंत्री ने संविधान में संशोधन को लेकर कांग्रेस के ऊपर जबरदस्त हमला बोला और कहा कि कांग्रेस वंशवाद और परिवार की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही. ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की मदद के लिए किए गए थे.
एक परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए संविधान में संशोधन हुए
सीतारमण ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा. संविधान लागू होने के 75 साल पूरा होने के मौके पर सीतारमण ने कवि और संगीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और अभिनेता बलराज साहनी की गिरफ्तारी का उल्लेख किया. सीतारमण ने कहा कि नेहरू की उत्तराधिकारी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी अपने परिवार और वंश को फायदा पहुंचाने के लिए संविधान में संशोधन करते रहे. ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं थे बल्कि सत्ता में बैठे लोगों को सुरक्षा देने के लिए थे. एक परिवार को मजबूती देने के लिए थे.
सीतारमण ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाला गया. 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित बैठकों में से एक बैठक में मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी थी. यह कविता जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी. लेकिन उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था और उन्हें जेल में डाल दिया गया.
सीतारमण ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर नकेल कसने का कांग्रेस का रिकॉर्ड सिर्फ इन दो लोगों तक सीमित नहीं था. माइकल एडवर्ड्स ने 1975 में नेहरू की बायोग्राफी लिखी थी, जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया. कांग्रेस ने ‘किस्सा कुर्सी का’ फिल्म पर भी बैन लगा दिया. वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि यह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाती थी.
महिला विरोधी पार्टी है कांग्रेस
सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी को महिला विरोधी बताते हुए कहा कि शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने 1986 में मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम पारित किया. दूसरी तरफ, हमारी पार्टी ने नारी शक्ति अधिनियम पारित किया. राजीव गांधी के लोकसभा में 426 जबकि राज्यसभा में 159 सांसद थे लेकिन उन्होंने महिला आरक्षण बिल पारित नहीं किया. यह पार्टी हमेशा से महिला विरोधी रही है.
काले दिनों का जिक्र
सीतारमण ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए 1951 में नेहरू ने पहला संवैधानिक संशोधन किया था. उन्होंने कहा कि इस दौरान कई हस्तियों को गिरफ्तार किया गया और कई किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया. उन्होंने राज्यसभा में आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने कहा कि “काले दिनों को याद कर अपने बच्चों का नाम MISA के नाम पर रखने वाले लोगों को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में कोई आपत्ति नहीं होगी.”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पलटवार किया
खड़गे ने कहा- हमने पीएम मोदी की स्पीच सुनी. कहते हैं हमारी बातें जुमले वाली हैं. अरे सबसे बड़े झूठे तो आप हो. आपका 15 लाख पैसे का वादा क्या हुआ. मैंने तो झूठ बोलना बंद कर दिया. आपकी बात मानकर लेकिन ये जुमले वाले झूठ बोलकर देश को गुमराह कर रहे हैं.
हमसे कहते हैं इमरजेंसी में क्या किया. नेहरू ने क्या किया. सर मोदी साहब का एक घंटा 50 मिनट का भाषण हुआ. निर्मला जी का भी घंटो भाषण रहा. पीएम या तो अतीत में रहते हैं, बेहतर होता वो बता देते कि 11 साल में ऐसा कौन सा काम किया है हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ. अगर लैंड रिफॉर्म नहीं आता, नरेगा नहीं आता तो आज गरीब मरता. कोविड में आश्रय मनरेगा से मिला. आप भाषण तो करते हो, उससे निकलता कुछ नहीं है.
खड़गे बोले- सत्ता पक्ष की सोच संविधान के खिलाफ, ये बस नेहरू को गाली देते हैं
खड़गे ने कहा- जो जो झंडे से नफरते हैं, जो लोग हमारे अशोक चक्र से नफरत करते हैं, जो लोग संविधान से नफरत करते हैं. ये आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं. जब ये संविधान बना, इन लोगों ने रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर का पुतला लगाकर संविधान को जलाया है. ये लोग अब नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे परिवार को गाली देते हैं. शर्म करो, आप लोगों ने संविधान के बारे में कैसी-कैसी बातें बोली हैं.
खड़गे ने राज्यसभा में शायरी पढ़ी
तुम अपने अकीदों के नेजे हर दिल में उतारे जाते हो
हम लोग मोहब्बत वाले हैं तुम खंजर क्यूं लहराते हो
इस शहर में नगमे बहने दो बस्ती में हमें भी रहने दो
हम पालनहार हैं फूलों के हम खुशबु के रखवाले हैं
तुम किस का लहू पीने आए हम प्यार सिखाने वाले हैं
इस शहर में फिर क्या देखोगे जब हर्फ यहाँ मर जाएगा
जब तेग पे लय कट जाएगी जब शेर सफर कर जाएगा
जब कत्ल हुआ सुर साजों का जब काल पड़ा आवाजों का
जब शहर खंडर बन जाएगा फिर किस पर संग उठाओगे
अपने चेहरे आईनों में जब देखोगे डर जाओगे
खड़गे बोले- संविधान मैंने भी थोड़ा बहुत पढ़ा है
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हमारी बहादुर नेता इंदिरा गांधी ने दो टुकड़े करके एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी कराकर भारत देश को बचाया. यह काम आयरन लेडी ने किया. उन्होंने बता दिया था कि, हमारे नजदीक कोई आया तो खैर नहीं. आज ये दिन आ गया कि बांग्लादेश में संकट है, सरकार उन्हें बचाने की कोशिश करें. हम सत्ता पक्ष को बताना चाहते हैं कि संविधान हमने भी थोड़ा बहुत पढ़ा है. हम म्यूनिसिपॉलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं. उनकी इंग्लिश अच्छी हो सकती है. लेकिन हमें भी पढ़ना आता है.
इसे भी पढ़े:- PM मोदी, गृहमंत्री शाह और भाजपा ने 1971 के विजय दिवस पर रणबांकुरों को दी श्रद्धांजलि
इसे भी पढ़े:- नहीं रहे तबला वादक जाकिर हुसैन, सैन फ्रांसिस्को में ली अंतिम सांस, परिवार ने की पुष्टि