रांची। राज्य में फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों के समय की बचत होगी। इसके लिए केन्द्र सरकार देशभर में महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराएगी।
केंद्र की इस पहल के बाद झारखंड के कृषि विभाग व ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस के साथ कन्वरजेंस से ड्रोन सेवाएं प्रारंभ की जायेंगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अभी 2.83 लाख महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। इनमें से कुछ का चयन ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए होगा। इसके अलावा कृषि विभाग अंतर्गत स्वयं सेवा समूहों व महिला किसानों को भी ड्रोन दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले से बिरसा मुंडा जयंती15 नवंबर और जनजातीय गौरव दिवस के दिन महिला किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। केन्द्र सरकार ने झारखंड सहित सभी राज्यों को इसके लिए पत्र भी लिखा है। केरल से लेकर हिमाचल प्रदेश, गुजरात से त्रिपुरा तक ड्रोन प्रदर्शनों के माध्यम से स्पष्ट सन्देश दिया गया कि ड्रोन कृषि में सकारात्मक बदलाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। ड्रोन के जरिए फसल और पौधों की सुरक्षा की जाएगी। ड्रोन से फसलों और पौधों को बचाने के लिए दवा का छिड़काव और सर्वे का काम लिया जाएगा।