कोडरमा। डोमचांच प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव कोडरमा जिला से 22 किलोमीटर दूर जंगल के बीच बसा एक छोटा सा गांव है। यहां की महिलाएं जंगलों में ढीबरा चुनने और शराब बेचकर घर परिवार चलातीं थी, मगर उपायुक्त मेघा भारद्वाज अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान जब डोमचांच प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव पहुंची और वहां कि महिलाओं से बातचीत की। इस दौरान लक्ष्मीपुर की दीदियों ने दोना पत्तल बनाने की इच्छा जाहिर की और कहा कि यह गांव जंगलों से घिरा हुआ है और यहां के जंगल में सखुवा के पत्ते काफी हैं, अगर हमलोगों को दोना पत्तल बनाने की मशीन व प्रशिक्षण दिया जाये तो हमलोग स्वावलंबन की ओर बढ़ते हुए आजीविका का स्रोत बन जायेगा।
लक्ष्मीपुर के गांव की महिलाओं की इच्छाशक्ति देखते हुए उपायुक्त मेघा भारद्वाज द्वारा डीएमएफटी मद से लक्ष्मीपुर की महिलाओं को दोना पत्तल बनाने की मशीन प्रदान किया गया और गांव की 40 से 50 महिलाएं को जेएसएलपीएस के माध्यम से आरएसईटीआई की ओर से दोना पत्तल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। आलम यह है कि उपायुक्त की इस पहल से कभी ढीबरा चुनने या शराब बेचकर घर परिवार चलाने वाली महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन रही हैं और ये महिलाएं अपना हुनर दिखाकर अपने घर में लक्ष्मी का प्रवेश कर रही है। जिससे उनकी घर की माली हालत दूर होने लगी है। आज के समय प्रतिदिन महिलाएं काफी संख्या में दोना पत्तल तैयार कर रही हैं। अपने आसपास के बाजार एवं दुकानों में बेचकर आमदनी कर रही हैं।
कई समारोह से भी उन्हें आर्डर मिलता है, उनके द्वारा बनाई दोना पत्तल को काफी सराहा जा रहा है। इस आमदनी से महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त एवं मजबूती कर रही है। आने वाले समय में पूरे गांव इस काम में जुड़ने के लिए प्रयास कर रहे है। बता दें कि महिलाएं सबसे पहले जंगल से सखुआ के पत्ते एकत्रित करती हैं और फिर इन्हीं पत्तों से मशीन के माध्यम से दोना-पत्तल बनाती है।
दोना पत्तल का उपयोग पर्यावरण फ्रेंडली है
दोना पत्तल का उपयोग पर्यावरण फ्रेंडली है। दोना पत्तल का उपयोग आज बड़े-बड़े समारोह में किया जा रहा है। इसका उपयोग न केवल आसान बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। सखुवा के पते से बना पत्तल का उपयोग स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत ही लाभप्रद है।
दोना पत्तल की बिक्री में भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं
दोना पत्तल की बिक्री में भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। लोग स्वयं आकर दोना पत्तल ले जाते हैं। काफी संख्या में आॅडर भी इसके लिए प्राप्त होता है। विशेषकर समारोह के अवसर पर इसके डिमांड काफी बढ़ जाती है।