मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई टीम ने लातूर जिले के रोहिना गांव में पतरे की शेड में चल रही ड्रग्स बनाने की एक फैक्टरी का पर्दाफाश किया। डीआरआई ने छापा के दाैरान वहां 11.36 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया है। इसकी कीमत लगभग 17 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले में डीआरआई की टीम ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें एक पुलिसकर्मी शामिल है। डीआरआई टीम छानबीन कर रही है।
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जानकारी के अनुसार डीआरआई टीम ने 8 अप्रैल ड्रग मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद लातूर जिले के रोहिना गांव के एक दूरदराज के पहाड़ी इलाके में पतरे की शेड में ड्रग बनाने की जानकारी मिली थी। इसी
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आधार पर पुलिस ने रोहिना गांव में पतरे की शेड में चल रही ड्रग की फैक्टरी पर छापा मारा और सूखे पाउडर के रूप में 8.44 किलोग्राम और तरल रूप में 2.92 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग बरामद किया। पतरे की शेड में ही एक पूरी तरह से सुसज्जित प्रयोगशाला सेटअप और दवा के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया गया। इस फैक्टरी को चलाने वाले एक पुलिसकर्मी सहित पांच लाेगाें को मौके से गिरफ्तार किया। इन लाेगाें से पूछताछ के बाद
डीआरआई ने मुंबई में दो अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी की। इनमें एक ड्रग वितरक और एक फाइनेंसर है। डीआरआई की टीम ने ड्रग की इस फैक्टरी को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
डीआरआई के एक अधिकारी ने बताया कि फैक्टरी से जब्त मेफेड्रोन की कुल कीमत ब्लैक मार्केट में 17 करोड़ रुपये आंकी गई है। सभी सात व्यक्तियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ के वित्तपोषण, उत्पादन और तस्करी में अपनी भूमिका कबूल की है। आरोपियों पर एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच चल रही है।