बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार खेती में लागत कम कर किसानों के आय में वृद्धि एवं उनके आर्थिक समृद्धि के लिए विभिन्न प्रकार की योजना चल रही है। बिहार सरकार भी पूरी तत्परता से किसान हित के लिए काम कर रही है।
लेकिन बेगूसराय के जिला कृषि पदाधिकारी एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों ने किसानों को कामधेनु बना लिया है। हालत यह है कि किसान कल्याण योजना के विभिन्न योजनाओं में प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए की लूट मची हुई है। कृषि से संबंधित विभिन्न सब्सिडी, खाद सब्सिडी में लूट मचाई जा रही है।
बेगूसराय के किसानों को आवंटित किया गया यूरिया एवं डीएपी महंगे दाम पर तस्करी कर अन्य जिला एवं नेपाल भेजा जा रहा है। हालांकि यह मामला अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास पहुंच गया है। गिरिराज सिंह जल्द ही इस मामले से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री को इससे रूबरू कराएंगे।
एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन ने भारत सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जा रहे खाद में उर्वरक के डीलर एवं जिला कृषि पदाधिकारी की मिली भगत से प्रत्येक वर्ष किए जा रहे करोड़ रुपये के लूट का मामला गिरिराज सिंह के समक्ष उठाया है। इन लोगों ने गुहार लगाई है कि किसान हित में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाए।
बरौनी रिफाइनरी गेस्ट हाउस में गिरिराज सिंह को मांग पत्र देने पहुंचे संघ के उपाध्यक्ष संतोष कुमार सहित अन्य ने बताया कि बेगूसराय में जिला कृषि पदाधिकारी की मदद से बफर स्टॉकिस्ट खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं। भारत सरकार ने किसानों के लिए यूरिया का दर 266.50 रुपये एवं डीएपी का दर 1350 रुपये प्रति बैग निर्धारित किया है।
लेकिन बफर स्टॉकिस्ट बेगूसराय के देवी प्रसाद मस्कारा एवं तेघड़ा के हरियाली ट्रेडर्स द्वारा हम खुदरा विक्रेताओं को यूरिया 280 एवं डीएपी 15 सौ रुपये में दिया जा रहा है। 20 से 30 रुपया प्रति बैग ट्रांसपोर्टिंग चार्ज लगता है। ऐसे में सरकारी दर पर खाद कैसे बेचें। खाद का अधिक दाम लेने पर किसान गाली देते हैं तो अधिकारी भी कार्रवाई की धमकी देते हैं।
हम लोग जब बफर स्टॉकिस्ट के समक्ष सही दाम पर खाद देने की मांग करते हैं तो वे लोग कहते हैं कि कृषि मंत्री, डायरेक्टर और जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य लोगों को पैसा देना पड़ता है तो सरकार द्वारा तय दर पर कैसे खाद उपलब्ध कराएं। संतोष ने बताया कि खाद के थोक विक्रेताओं ने फर्जी तरीके से खुदरा विक्रेता का लाइसेंस बनवा लिया है।
यह लोग फर्जी तरीके से पीओएस मशीन से गलत बिलिंग कर बेगूसराय का खाद दूसरे जिला एवं नेपाल भेज रहे हैं। विरोध करने पर जिला पर कृषि पदाधिकारी एवं स्टॉकिस्ट लाइसेंस रद्द करने, प्राथमिक की दर्ज करने एवं दुकान सील करवाने की धमकी देते हैं। न्याय नहीं मिला तो किसानों के साथ सड़क पर उतरेंगे।
स्थानीय सांसद तथा केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यूरिया एवं डीएपी के लिए तय किए गए दाम से अधिक दाम पर खुदरा व्यवसायी को खाद दिया जा रहा है। मिलने आए खाद कारोबारियों ने बताया है कि थोक विक्रेताओं ने फेक लाइसेंस ले लिया है। जिला कृषि पदाधिकारी के मिली भगत से करोड़ों का खाद घोटाला हो रहा है।
गिरिराज सिंह ने बताया कि किसानों को दिए जाने वाले खाद में इस तरह का घोटाला दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मुद्दे को लेकर डीम से बात करेंगे। इस संबंध में जल्द ही केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से भी मिलकर मामले को उठाया जाएगा, दोषी पर कार्रवाई होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसान हित के लिए तत्पर हैं। ऐसे में कोई घोटाला करेगा तो उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं जाएगा।