जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में सचिन पायलट की अनदेखा करना पार्टी को भारी पड़ सकता है। भले ही वे पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन वर्तमान में पायलट के पास सरकार और संगठन में कोई पद नहीं है। लिहाजा संगठन के कार्यक्रमों में पायलट की उपस्थिति नहीं देखी जाती है। पायलट की अनदेखी से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। संगठन के हजारों कार्यकर्ता पायलट की अनुस्थिति को लेकर चिंतित हैं। सवाई माधोपुर में कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। पायलट खेमे को छोड़कर गहलोत खेमे में पहुंचे कांग्रेस विधायक दानिश अबरार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
विरोध का सामना करना पड़ा अबरार को
सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर स्थित मकसूदनपुरा गांव में देवनारायण मंदिर का वार्षिकोत्सव था। कांग्रेस विधायक दानिश अबरार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे लेकिन जैसे ही वे मकसूदनपुरा गांव पहुंचे तो पायलट समर्थकों ने दानिश अबरार के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। ‘सचिन पायलट जिन्दाबाद’ के नारे लगाए जाने के साथ ही ‘पायलट के गद्दारों को गोली मारो’ के नारे भी गूंजे। दानिश अबरार पहले सचिन पायलट के खेमे में थे लेकिन बाद वे पायलट खेमा छोड़कर गहलोत खेमे में जा पहुंचे। हालांकि मंच पर पहुंचे दानिश अबरार ने कहा कि कांग्रेस नेता होने के कारण सचिन पायलट उनके भी नेता हैं।
पोस्टर में भी पायलट गायब
राहुल गांधी के जयपुर दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान राहुल गांधी की जयपुर यात्रा को लेकर एक पोस्टर पीसीसी में लगाया गया था। इस पोस्टर में सचिन पायलट की फोटो नहीं थी। पोस्टर से पायलट की तस्वीर गायब होने की चर्चा पार्टी के नेताओं में भी होती रही। हालांकि पार्टी की ओर से जारी विज्ञापनों में पायलट की तस्वीर को स्थान दिया गया है।